अमेरिका की सड़कों पर जिस तरह की हिंसा देखने को इन दिनों मिल रही है, उसका कारण पुलिस की हैवानियत नहीं, बल्कि कई वर्षो से यहां मौजूद श्वेत और अश्वेत के बीच हो रहे भेदभाव है। जिस नस्लवाद से अमेरिका गुजर रहा है, उससे एक बार यह विश्वास करना मुश्किल हो जाता है कि यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है। एक तरफ इस घटना ने कोरोना वायरस से जूझ रहे अमेरिका को एक नई तरह की आग में झोंक दिया है जिसकी लपटें इस वक्त 150 से अधिक शहरों तक पहुंच चुकी हैं।
तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी के तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने डेमोक्रेटिक नामांकन हासिल करने के लिए 1991 से अधिक प्रतिनिधियों को सुरक्षित किया है। उन्होंने अपने एक बयान में शुक्रवार की रात कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के सबसे प्रतिभाशाली उम्मीदवारों के साथ नामांकन के लिए सामना करना मेरे लिए एक सम्मान की बात है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुझे यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि हम यह राष्ट्रपति चुनाव एक एकजुट पार्टी की तरह लड़ने जा रहे हैं।
साथ ही बाइडेन ने कहा कि मैं इस महान से देश में सभी अमेरिकी वासियो के वोट प्राप्त करने के लिए अब से लेकर तीन नवंबर के बीच का हर दिन बिताने के लिए जा रहा हूं जिससे हम अपने राष्ट्र की आत्मा के लिए इस लड़ाई से जीत सकें। इसके साथ ही हम यह भी सुनिश्चित कर सकें कि जैसे-जैसे हम अपनी अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करें वैसे ही बाकि लोग भी इससे जुड़ते जाएं। बाइडेन सात राज्यों में हुए प्राइमरी चुनाव में भी जीत दर्ज कर चुके है। मंगलवार को हुए चुनाव में उन्हें पेन्सिलवेनिया द्वारा ही सबसे अधिक प्रतिनिधि मिले। उन्होंने मैरीलैंड, रहोडे आइलैंड, इंडियाना, न्यू मैक्सिको, दक्षिण डकोटा और मोंटाना से चुनाव जीते।
2020 के बहुत से प्राइमरी चुनावो में कोरोना महामारी के कारण देरी हुई। 17 मार्च और 7 अप्रैल के बीच कोई भी प्राइमरी चुनाव आयोजित नहीं किया गया था। इस दौरान प्रतिभागियों को पुनर्निर्धारित किया गया और वोट-बाय-मेल करने का प्रस्ताव लाया गया था। गौरतलब है कि बर्नी सैंडर्स विस्कॉन्सिन प्राइमरी में हार के बाद अपने अभियान पर रोक लगा चुके थे। जिसके बाद से ही बाइडेन राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित व्यक्ति के तौर पर डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार के रूप में उभरे है।