शराब पीना होगा मुश्किल, अक्टूबर 1 से प्राइवेट शराब दुकानें होंगी बंद।

शराब की सभी प्राइवेट दुकानें होंगी बंद, शराब के शौकीन लोगों को होगी मुश्किल। 1 अक्टूबर से बंद होंगी शराब की प्राइवेट दुकानें।

जानकारी के अनुसार राजधानी दिल्ली में 1 अक्टूबर से शराब की  सभी प्राइवेट दुकानें बंद कर दी जाएंगी। दिल्ली में फिलहाल तकरीबन 720 शराब की दुकानें हैं। जिनमें से 260 की संख्या में प्राइवेट शराब की दुकानें हैं। कुल 32 जोन में शराब की प्राइवेट दुकानों को 30 सितंबर तक के लिए लाइसेंस की अवधि बढ़ा कर दी थी। लेकिन अब निजी शराब दुकानों को बंद कर दिया जाएगा। 

नई आबकारी नीति के अनुसार, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया है। लगभग 20 जोन में आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। बता दें कि, 17 नवंबर से नई नीतियों के अनुसार नई दुकानें खोलने की तैयारी की जायेगी। तब तक के लिए सभी प्राइवेट शराब की दुकानें बंद कर दी जाएंगी। आबकारी नीतियों के तहत बहुत कुछ बदलाव किए जाएंगे। 

दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि, कोरोना महामारी के अनुसार के कारण दिल्ली के राजस्व में भारी गिरावट देखने को मिली है। साल 20–21 में दिल्ली को लगाए अनुमान से लगभन 40% कम राज्स्व मिला है। वहीं 21–22 ने अब तक महज 23% राज्स्व की प्राप्ति हुई है। 

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी कंपनसेशन देना बंद कर दिया जायेगा। जिसके बाद अगले साल से 8000 करोड़ रुपए की कमी आयेगी। वर्तमान स्थिति में दिल्ली सरकार को टैक्स कलेक्शन में, जीएसटी पर 23%, वैट पर 25%, एक्साइज पर 30%, मोटर– व्हीकल पर 19% और स्टाम्प पर 16% तक कमी देखने को मिली है।
बात करें केंद्रीय करों की तो, दिल्ली को केंद्रीय करों में 325 करोड़ रुपए मिलते हैं, जबकि इसमें दिल्ली सरकार की भागीदारी 1 लाख 40 हजार करोड़ रूपए की होती है। अब से पहले तक शराब दुकानों के लाइसेंस की फीस तकरीबन 9–10 लाख तक होती थी और एक्साइज ड्युटी 300% तक होती थी। लेकिन अब जो आबकारी नीतियां बनाई गई हैं उनके अनुसार दिल्ली सरकार को 2021 के नवंबर महीने के बाद से हर साल में तकरीबन 3500 करोड़ रुपए राजस्व की पूर्ति होगी। और इसी के साथ एक्साइज ड्यूटी से 10000 करोड़ रुपए तक की कुल राज्स्व मिलेगा। 

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