तालिबान का असर भारत पर, ड्राई फ्रूट्स की कीमत बढ़ी, 650 रुपए किलो बादाम हुआ 900 रुपए किलो।

अफगानिस्तान में मचे राजनीतिक उथल पुथल से प्रभावित हुआ भारत। भारत में ड्राई फ्रूट्स के व्यापार को पड़ी मार। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने भारत के साथ व्यापार किया बंद। भारत में ड्राई फ्रूट्स के आयात पर पड़ा बुरा प्रभाव।

सूखे मेवों का आयात बंद होने के कारण जम्मू में ड्राई फ्रूट्स के दामों में भारी इजाफा देखने को मिला है। दाम बढ़ने के कारण बिक्री कम हो गई। इसके कारण व्यापारियों को उठाना पड़ रहा है भारी नुकसान।

तालिबान के कब्जे के बाद मेवों की कीमतों में इस तरह उछाल आया है कि, 800 रुपए किलो बिकने वाला अंजीर की कीमत अब 1200 रुपए किलो हो गई है। खुबानी की कीमत 400 रुपए किलो से बढ़कर 600 रुपए किलो तक पहुंच गई है। इसी के साथ 1800 रुपए प्रति किलो बिकने वाले पिस्ता की कीमत अब 2400 रुपए प्रति किलो हो गई है। सूखे मेवों की कीमतों में भारी उछाल महज 10 दिनों में हुआ है।

सूखे मेवों की कीमतें बढ़ने पर जम्मू के एक दुकानदार ने बोला कि, अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के कारण कीमतों में तेजी से उछाल आया है। इस कारण से ग्राहक भी सोच में पड़ गए की इसका कारण क्या है। इन बढ़ती कीमतों के कारण हम व्यापारियों और दुकानदारों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

कोरोना काल में दुकानदारी घटने के बाद सूखे मेवे अंजीर ने दुकानदारों का मुनाफा करवाया था। अंजीर के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। तो ग्राहक इसे खरीदते थे। लेकिन अब इसकी कीमत में भारी बढ़त हुई है। 

ड्राई फ्रूट्स रिटेल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ज्योति गुप्ता ने इंडिया टुडे को बताया कि, अफगानिस्तान में अगर अनिश्चितता अगर ऐसे ही बनी रहीं तो सूखे मेवों की कीमतों और भी वृद्धि हो सकती है।

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