देवी दुर्गा को समर्पित करने वाला त्यौहार नवरात्रि नौ दिनों तक चलता। नवरात्रि के त्यौहार को अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न नामों से मनाए जाने वाले प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है, जो कि नवरात्रि भक्तों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। संस्कृत में ‘नवरात्रि’ शब्द का अर्थ है ‘नौ रातें’। नौ दिनों तक ‘माँ दुर्गा के नौ रूपों’ की पूजा की जाती है।
देखा जाए तो नवरात्रि आम तौर पर साल में चार बार आती है, लेकिन केवल दो- चैत्र नवरात्रि (मार्च-अप्रैल) और शरद नवरात्रि (सितंबर-अक्टूबर) बड़े पैमाने पर मनाए जाते हैं। शरद ऋतु के दौरान मनाई जाने वाली शारदीय नवरात्रि सबसे ज़्यादा महत्व रहती है। इस वर्ष, शारदीय नवरात्रि 07 अक्टूबर, 2021 से शुरू होकर 14 अक्टूबर, 2021 को समाप्त होगी। इसके बाद 15 अक्टूबर, 2021 को विजयादशमी होगी। शारदीय नवरात्रि हिंदू कैलेंडर के अनुसार अश्विन के शुभ महीने में आती है।
नवरात्री का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
नवरात्रि या महा नवरात्रि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नौ लंबे दिनों तक, देवी दुर्गा ने राक्षस राजा ‘महिषासुर’ के साथ लड़ाई लड़ी और बुराई पर अच्छाई की जीत को चिह्नित करते हुए उसे मार डाला। नवरात्रि भारत में त्योहारों के मौसम की शुरुआत का भी सन्देश है। और इन नौ दिनों के बाद विजय दशमी का त्यौहार आता है, जिसे दशहरा के रूप में मनाया जाता है।
मां दुर्गा के नौ रूप
नवरात्रि के त्यौहार पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, इन्हे नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों की खास बात यह है कि, इसका हर एक दिन मां दुर्गा के एक अवतार को समर्पित है। पहले दिन माता शैलपुत्री, फिर ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की होती है। मां दुर्गा का प्रत्येक रूप एक विशिष्ट रंग से भी जुड़ा है और इसका एक विशेष अर्थ है। ऐसे मान्यता है कि, नवरात्रि के खास दिनों में इन रंगों को पहनना शुभ माना जाता है। आईये जानते हैं मां दुर्गा के हर रंग का महत्व।
पहला दिन- पीला
नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा के पहले रूप यानी माता शैलपुत्री- पहाड़ों की बेटी है, की पूजा के साथ शुरू होता है। यह दिन पीले रंग से जुड़ा है ऐसा माना जाता है कि, इस दिन पीले रंग का वस्त्र धारण करने से जीवन में चमक, खुशी और उत्साह लाने का काम करते हैं। शैलपुत्री माँ प्रकृति का प्रतीक है और उनका पसंदीदा फूल चमेली है।
दूसरा दिन- हरा
नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। यह दिन हरे रंग को समर्पित करता है। यह रंग नवीकरण, प्रकृति और ऊर्जा से जुड़ा है। नवरात्रि के दूसरे दिन इस रंग को पहनने से जीवन में विकास, सद्भाव और ताजी ऊर्जा आती है। माता रानी को चमेली का फूल चढ़ाना चाहिए।
तीसरा दिन- ग्रे
तीसरा दिन देवी दुर्गा के तीसरे रूप को समर्पित करता है, जिन्हें माता चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। देवी अपने माथे पर अर्धचंद्र धारण करती हैं और उनका पसंदीदा रंग ग्रे है। यह एक गहरा रंग है और अक्सर नकारात्मकता से जुड़ा होता है, लेकिन ऐसा मानना है की ग्रे रंग भी बुराई को नष्ट करने के उत्साह और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
चौथा दिन- नारंगी
चौथा दिन देवी कुष्मांडा को समर्पित है, जिसे अपनी दिव्य मुस्कान से दुनिया बनाने का श्रेय दिया जाता है। उन्हें “मुस्कुराती हुई देवी” भी कहा जाता है। यही कारण है कि वह हंसमुख रंग नारंगी से जुड़ी हुई है। यह रंग चमक, खुशी और सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत माना जाता है।
पाँचवा दिन- सफेद
स्कंदमाता देवी दुर्गा का पांचवां रूप है। यह भगवान कार्तिकेय को अपनी दाहिनी भुजा में पकड़े हुए दिखाई देती हैं। देवी के इस रूप की पूजा करने से भगवान कार्तिकेय की पूजा करने का भी लाभ मिलता है। यदि आप देवता से अधिक आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो इस दिन सफेद रंग की पोशाक पहनें, जो पवित्रता, शांति और ध्यान का प्रतीक है।
छठा दिन- लाल
मां दुर्गा के छठे स्वरूप को कात्यायनी देवी कहा जाता है। यह देवी दुर्गा का सबसे शक्तिशाली रूप हैं क्योंकि उन्हें योद्धा-देवी या भद्रकाली के रूप में भी जाना जाता है। देवी दुर्गा के उग्र रूप में होने के कारण उन्हें लाल रंग से दर्शाया गया है। रंग शत्रुओं के प्रति देवी के क्रोध और निर्भयता का प्रतिनिधित्व करता है।
सातवां दिन- रॉयल ब्लू
कालरात्रि नवदुर्गा का सातवां रूप है। कालरात्रि शब्द का अर्थ है “काल की मृत्यु” और यहाँ पर इसे मृत्यु कहा जाता है। देवी की अपार शक्ति को गहरे नीले रंग से दर्शाया गया है। देवी के इस रूप को सभी राक्षसों का नाश करने वाला माना जाता है और इनका रंग सांवला और निडर मुद्रा है। इससे जुड़ा रॉयल ब्लू रंग महाशक्ति का प्रतीक है।
आँठवा दिन- गुलाबी
इस दिन को देवी महागौरी को समर्पित किया गया है। महागौरी रूप अपने भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ती करने की शक्ति रखता है। जो व्यक्ति महागौरी की पूजा करता है उसे जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। यह दिन गुलाबी रंग से जुड़ा होता है, जो आशा, आत्म-शोधन और सामाजिक उत्थान का प्रतिनिधित्व करता है।
नौवाँ दिन- बैंगनी
नवरात्रि का अंतिम दिन देवी सिद्धिदात्री देवी का रूप है। यह दो शब्दों से बना है ‘सिद्धि’ का अर्थ है अलौकिक शक्ति और ‘धात्री’ का अर्थ है पुरस्कार देने वाला। देवी का यह रूप ज्ञान दाता है और आपको अपनी आकांक्षाओं को प्राप्त करने में मदद करता है। इसलिए इस दिन बैंगनी रंगों से जुड़ा है, जो महत्वाकांक्षा और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।