धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था। हनुमान जी की पूजा अर्चना किसी भी दिन की जा सकती है परन्तु मंगलवार तथा शनिवार को उनकी पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है की इस दिन अगर हनुमान जी की पूजा अर्चना किये जाने से शक्ति, आत्मविश्वास और साहस की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के मुताबिक हनुमान जी को मंगल ग्रह का नियंत्रक कहा जाता है अगर सच्ची निष्ठा से हनुमान जी की उपासना किये जाने से सब कष्टों का निवारण हो जाता है।
हनुमान जी को क्यों चढ़ती है तुलसी और सिन्दूर?
हनुमान जी श्री राम जी के परमभक्त है तथा हमेशा उनकी ही पूजा अर्चना में लगे रहते है श्री राम जी का नाम हनुमान जी को सबसे प्रिय है तथा वे हमेशा श्री राम नाम जपते रहते है इस लिए मान्यता है की श्री राम जी का नाम जपने से हनुमान जी को प्रसन्न किया जा सकता है। एक दिन सीता माँ से प्रेरित होकर हनुमान जी ने श्री राम जी को प्रसन्न करने के लिए अपने शरीर पर काफी मात्रा मैं सिन्दूर लगा लिया था तभी से उनपर सिन्दूर अर्पण करने की परंपरा की शुरुवात हुई। हनुमान जी को सिन्दूर तथा चमेली का तेल अर्पण करने से शारीरिक रोगो एवंम कष्टों से मुक्ति मिलती है।
मान्यतानुसार तुलसी भगवान् विष्णु को अति प्रिय है अत उन्हें तथा उनके अवतारों को तुलसी अर्पण की जाती है श्री राम जी को भी तुलसी अर्पण की जाती है हनुमान जी श्री राम जी के परमभक्त है तथा उनको भी तुलसी भी पसंद है मानयता है की नित्य प्रातः उनको तुलसी का जल अर्पित करने से अन्न का आभाव नहीं होता।