प्रदूषण से बचाव के लिए नोएडा के कई इलाकों में लगाई जा रही हैं एंटी स्मोग गन।

Anti-Smog-Gun

लगातार बढ़ते प्रदूषण की समस्या को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश प्राधिकरण द्वारा एंटी स्मॉग गन लगाने का विचार किया गया है।

नोएडा के कई निर्माणाधीन क्षेत्रों में एंटी स्मॉग गन लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं। एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए किया जा रहा है। सर्दी का मौसम आते ही प्रदूषण की मात्रा ज़्यादा बढ़ जाती है। इसीलिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा आदेश दिया गया है कि, अगले 15 दिनों तक सभी 2 हजार वर्गमीटर तक की खाली मैदान या निर्माण क्षेत्रों में एंटी स्मॉग गन लगाए जाएंगे

आपको बता दें, धूल और धुएं से बचाव के लिए सभी बिल्डरों को साइटों पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा। साथ ही बिल्डर्स को इसकी रिपोर्ट भी लखनऊ मुख्यालय को जमा करनी होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो बिल्डरों को 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

उत्तर प्रदेश सरकार के लिए अभी प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ है। दरअसल बीते कुछ साल में नोएडा, गाजियाबाद इलाके में प्रदूषण में काफी इजाफा हुआ है। फिलहाल अभी शुरुआत में लगभग 15 बिल्डर को सूची में लिया गया है। इस योजना में एंटी स्मॉग गन लगाई जाएगी। रिपोर्ट तैयार कर लखनऊ मुख्यालय को भेजी जाएगी। इसके अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी यही निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जुर्माने के रूप में 1 करोड़ रुपए लगाए जायंगे। 

मिली जानकारी के अनुसार साइटों पर 2 हज़ार वर्गमीटर की दूरी पर एंटी स्मॉग गन लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी अगर प्रदूषण की मात्रा कम नहीं होगी तो यह दूरी कम करके 1 हज़ार वर्गमीटर कर दिया जाएगा। एंटी स्मॉग गन लगाने के क्षेत्र नोएडा, भंगेल, सेक्टर 71 अंडरपास, ग्रेटर नोएडा, आदि इलाके हैं। 

वैसे तो प्रदूषण की समस्या पूरे देश में ही है। सर्दी के मौसम में वातावरण ज़्यादा प्रदूषित हो जाता है। इससे बचाव के लिए ही एंटी स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जाएगा। यह कार्य सर्दी के मौसम शुरू होने से पहले ही पूरा किए जाने के निर्देश जारी है।

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