उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई थी। यह त्रासदी 7 फरवरी को हुई थी। जिसमें मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 42 हो चुका है। हालांकि लापता लोगों की खोज अभी भी जारी है।
चमोली में आए सैलाब के कारण कई लोगों को जान माल की हानी हुई थी। 7 फरवरी से लगातार रेस्क्यू टीम बचाव और राहत कार्य में जुटी हुई है। भारी सैलाब आने के कारण कई लोगों की मौत हो गई थी। रेस्क्यू टीम ने रविवार को तपोवन सुरंग में से चार शव और बरामद किए। जिसके बाद मरने वालों का आकंड़ा बढ़कर 43 हो गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक बता दें, एनटीपीसी द्वारा टनल में खुदाई का काम चल रहा था। जिसके अन्तर्गत शुक्रवार को भी एक शव बरामद हुआ था। इसके अलावा लापता लोगों की संख्या 200 के पार थी। टनल की खुदाई लगभग 135 मीटर तक गई है। बता दें कि लापता लोगों में से 38 लोगों के शव मिले थे। जबकि दो लोगों को जख्मी हालत में बचाया गया। रेस्क्यू टीम राहत कार्य में जुटी हुई है।
चमोली में आए सैलाब के कारण बड़ी त्रासदी का सामना करना पड़ा। भारी बाढ़ के कारण जगह-जगह मलबा और कीचड़ जमा हो गया है। टनल से मलबा और कीचड़ निकालने का काम अभी भी जारी है। मलबे से पांच लोगों के शव निकाले गए थे। हालांकि अभी भी कई लोगों के फंसे रहने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि पानी भरने के कारण काम रोक दिया गया था। लेकिन अभी रेस्क्यू टीम लगातर अपने काम में जुटी हुई है। उत्तराखंड में जन जीवन उथल-पुथल हो गया। कई गावों से सम्पर्क नहीं बन पा रहा है। इलाके में राहत कैंप लगाया गया है और लोगों को जरूरी चीज़ें मुहैया कराई जा रही है।