केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी से किया सवाल, पिज्जा की होम डिलीवरी हो सकती है, तो राशन क्यों नहीं?

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के घर घर राशन योजना पर रोक लगा दिया है। जिसके कारण सीएम केजरीवाल ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया सवाल। 

केजरीवाल ने सवाल किया, घर घर राशन योजना की पूरी तैयारी हो चुकी थी तो आपने दो दिन पहले इस पर रोक क्यों लगाई?

केंद्र सरकार द्वारा घर–घर राशन योजना पर रोक लगाने के बाद राज्य सरकार ने पीएम मोदी से सवाल किए। उन्होंने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा की इस योजना की पूरी तैयारी हम कर चुके थे, तो आपने दो दिन पहले इस पर रोक क्यों लगा दी? केजरीवाल ने आगे कहा, आपने इस योजना को खारिज कर दिया यह कहकर कि हमने केंद्र सरकार से इसकी अनुमति नहीं ली, जबकि इस योजना के लिऐ हम केंद्र सरकार से अब तक 5 बार मंजूरी ले चुके थे। फिर भी आपने दो दिन पहले इस योजना को लागू करने से रोक दिया।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपनी बात आगे बढ़ते हुए कहा, योजना की पूरी तैयारी होने के बाद दो दिन पहले रोक दिया गया क्यों? आज मैं बहुत व्यथित हूं, आगे आज मुझसे भूल हो जाए तो उसके लिए माफ करना। प्रधानमंत्री जी इस स्कीम के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से सक्षम भी है और तैयार भी है। हम केंद्र सरकार से कोई विवाद भी नहीं करना चाहते हैं। लेकिन पहले आपने योजना के नाम से आपत्ति जताई थी। स्कीम का नाम मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना था, जिसमें केंद्र सरकार ने नाम को लेकर कहा कि, योजना के नाम में मुख्यमंत्री नहीं आ सकता तो हमने, योजना के नाम से मुख्यमंत्री हटा दिया। अब आपने केन्द्र सरकार से अनुमति नहीं लिया गया, यह कह कर योजना को खारिज कर दिया। जबकि हम इस घर घर राशन योजना को लेकर 5 बार अनुमति ले चुके हैं।

केजरीवाल का कहना है कि, ”हमारे देश में पिज्जा–बर्गर, स्मार्टफोन, आदि की चीजों की होम डिलीवरी होती है, तो राशन की डिलीवरी क्यों नहीं? प्रधानमंत्री सर, आपको राशन माफियाओं से इतनी हमदर्दी क्यों है? इस कोरोना काल में लोगों के पास काम नहीं हैं, लोग घरों से बाहर नहीं निकलना चाह रहें, ऐसे में उनकी मदद कौन करेगा?” सीएम ने आगे कहा, ”केंद्र सरकार ने कोर्ट में इस योजना के खिलाफ अगर कोई आपत्ति नहीं जताई तो अब जब यह योजना सोमवार को लागू होने जा रही थी, तो दो दिन पहले क्यों रोक लगा दिया गया?”

सीएम ने कहा, भाजपा के अधिकारियों का कहना है कि, राशन केन्द्र का है तो, दिल्ली सरकार इसका क्रेडिट खुद कैसे ले सकती है? सीएम ने कहा, हम किसी तरह का कोई क्रेडिट नहीं ले रहें हैं, हम लोगों को यह कहेंगे की यह योजना मोदी सरकार द्वारा आयोजित की गई है। प्लीज इस योजना को जारी कर दीजिए।” यह राशन देश का है, राशन माफियाओं से इसे बचाने की जिम्मेदारी केन्द्र और राज्य सरकार दोनों की है।

सीएम ने प्रधानमंत्री से सवाल किया आप हम सब से क्यों लड़ रहे हैं? सीएम ने कहा, यह मुसीबत का दौर आपस में लड़ने–झगड़ने का नहीं है, बल्कि साथ मिलकर काम करने का है। अब तो लोगों को यह भी लगने लगा है कि, केन्द्र सरकार इस गंभीर परेशानी के समय में भी सबसे लड़ाई कर रही है। आप झारखंड सरकार से झगड़ रहें हैं। आप ममता दीदी से लड़ रहें हैं। आप महाराष्ट्र सरकार से भी लड़ रहें हैं, लक्षद्वीप के लोगों से, दिल्ली के लोगों से किसानों से सबसे आप लड़ रहें हैं, ऐसे देश कैसे चलेगा? जनता इस बात से काफी दुखी है। हमें आपस में नहीं झगड़ना है। साथ मिलकर काम करना है।

दिल्ली की जनता टीवी पे इस ब्रेकिंग न्यूज का इंतजार कर रही हैं कि, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर घर–घर राशन योजना को सफल बनाया है। दिल्ली के गरीब लोगों को घर–घर राशन पहुंचाया और मदद की है। सीएम ने कहा, इस योजना को लगाई पाबंदी को हटा दीजिए। यह योजना हमारे राष्ट्रहित के लिए है।

मुख्यमंत्री केजरीवाल के किए गए सवालों का जवाब देते हुए भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा, “आपको यह बात समझना पड़ेगा, सरकार संविधान और कानून के हिसाब से काम करती है। NFSA एक्ट के सेक्शन 12(2) के अनुसार, कोई भी स्कीम या योजना लागू करने के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति लेना होगा। केंद्र सरकार की अनुमति के बाद ही कोई भी योजना लागू की जाएगी। दूसरी बात, कोर्ट ने इस योजना पर स्टे लगाया है।

प्रवक्ता हरीश खुराना ने आगे कहा, “केजरीवाल जी आप कानून के अनुसार केंद्र सरकार से योजना को लागू करने के लिए अनुमति क्यों नहीं ले रहें हैं? क्या आप कानून से ऊपर हैं, केंद्र सरकार तो आपकी सहायता करने के लिए तैयार है। राशन भी देने को तैयार है। हालांकि आपको राशन माफियाओं को खत्म करने में 7 साल का समय लग गया। केजरीवाल राजनीति मत कीजिए, कानून के हिसाब से अपना काम कीजिए।”

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