किन्नौर जो की हिमाचल प्रदेश में है, रविवार के दिन बहुत ही दुखद हादसा हुआ। कोरोना के कारण काफी लंबे समय से अपने घरों में बंद रहने के बाद कुछ खुशनुमा पल बिताने पहुंचे थे पर्यटक। पर्यटकों के साथ दिल दहला देने वाले हादसे ने दिया अंजाम। प्राकर्तिक आपदा ने ली कई लोगों की जान। लैंडस्लाइड में लगभग नौ लोगों की मौत हो गई। इन 9 लोगों में शामिल थी आयुर्वेदिक डॉक्टर दीपा शर्मा, जिन्होंने दुर्घटना के महज़ आधे घंटे पहले ही अपनी तस्वीरें पोस्ट कर लिखा था- “लाइफ इज नथिंग विद आउट नेचर।”
बता दें कि, दीपा शर्मा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय बनी हुई थीं। वह पहली बार इस तरह के सोलो ट्रिप पर गई थीं। इसलिए वह काफी उत्साहित थी। अपनी ख़ुशी और उत्साह को कमरे में कैद कर लगातार सोशल मीडिया पर अपने सफर को अपडेट कर रहीं थीं। वह प्रकृति के खूबसूरत दृश्यों से लोगों को रूबरू करा रहीं थीं। लेकिन इसके बाद जो हुआ इस बात का किसी को भी ज़रा सा भी अंदाज़ा नहीं था। ये खूबसूरत सफर उनकी जीवन का आखिरी सफर बन गया। किन्नौर में हुए इस लैंडस्लाइड में डॉ. दीपा शर्मा की मृत्यु हो गई।
जानकारी के लिए बता दें, किन्नौर में लैंडस्लाइड आने के कुछ समय पहले ही डॉ. दीपा शर्मा ने ट्विटर अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर किया था। उन्होंने कैप्शन में लिखा था कि, वह इस वक्त भारत के अंतिम प्वाइंट पर खड़े हैं, जहां तक आम नागरिकों को जाने की मंजूरी नहीं दी जाती है। इससे लगभग 80 किलोमीटर आगे तिब्बत है, जो की चीन कब्जे में है।
दीपा शर्मा ने जमकर सोशल मीडिया पर लोगों को सौंदर्य के दर्शन कराए, और उनके चाहने वालों ने उनकी तस्वीरों को काफी पसंद भी किया। लेकिन 34 वर्षीय दीपा शर्मा भी आपदा का शिकार हो गयी। इस तरह अचानक चले जाने से सभी लोग काफी सदमे हैं।
लैंडस्लाइड के एक दिन पहले भी दीपा शर्मा ने अपनी फोटो की थीं और कैप्शन में लिखा था,” प्रकृति के बिना जीवन कुछ भी नहीं है।”
किन्नौर हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुख,
दीपा शर्मा के ट्वीट के बाद कुछ ही समय में खबर मिली कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के चितकुला से सांगला, कुछ पर्यटक टेम्पो से जा रहे थे। तभी एक बड़ा पत्थर टेम्पो पर गिर गया। इस हादसे में लगभग नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन घायल हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख प्रकट किया। और घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना भी की। पीएम द्वारा प्रत्येक पीड़ित के परिवार वालों को दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता मुहैया करवाने की घोषणा की।
यह हादसा किन्नौर में रविवार को तकरीबन दोपहर डेढ़ बजे हुआ था। जब चितकुला -सांगला रोड पर अचानक पहाड़ पर से पत्थर गिरने लगे। और देखते ही देखते तबाही में बदल गए। इस तबाही के दौरान नीचे बना हुए एक पुल, कई खड़ी गाड़ियां सब कुछ तहस-नहस हो गया। साथ ही पुल से गुजर रहा एक ऑटो भी इसकी चपेट में आ गया। जिसके कारण कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी।