जब 25 करोड़ की चोरी के मामले में फरार आरोपियों की खबर मिली , पुलिस हुई हैरान। पुलिस प्रशासन जुटी हुई है अपराधियों की तलाश में। फरार अपराधियों द्वारा नगद रकम और सोना चोरी किया गया है। पुलिस की जांच-पड़ताल में पता चला है कि, सूरजपुर के डेल्टा-1 में स्थित सिल्वर सिटी के बंद फ्लैट से चोरी किया गया लगभग 40 किलोग्राम सोना और 6.5 करोड़ रुपये किसलय पांडेय और उसके पिता राममणि पांडेय का था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, पिता – पुत्र ने मिलकर कई फाइनेंस कंपनियों के शेयर खरीदकर करोड़ों की वसूली का काम किया। हालाँकि इस तरह के कई मामले दिल्ली-एनसीआर में दर्ज हैं। अब 25 करोड़ की चोरी के मामले में पुलिस के हाथों पुख्ता सबूत लगा है, जिसके बाद तो आरोपित बाप-बेटे पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। नोएडा जोन के एडीसीपी रणविजय सिंह ने कहा कि खुद को सुप्रीम कोर्ट का अधिवक्ता बताने वाले यह पिता-पुत्र अब पुलिस के रडार पर हैं। पुलिस द्वारा चोरी मामले का खुलासा होने के बाद 6 युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपित 6 युवकों ने पुलिस के सामने फरार अपराधी पिता-पुत्र के करतूतों का ब्यौरा रखा है।
धीरे-धीरे अब पुलिस के पास कई लोग संपर्क करने पहुंच रहे हैं। इंडिया बुल्स ग्रुप ऑफ कंपनीज के अधिकारियों ने भी पुलिस से संपर्क बनाया और जानकरी दी कि पिता-पुत्र मिलकर कंपनी से तकरीबन 200 करोड़ की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। बता दें कि पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि बाप-बेटे के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज पहले से दर्ज़ हैं। साथ ही उन्होंने बताया, इंडिया बुल्स के सीजेएम की शिकायत पर साल 2019 में गुरुग्राम के उद्योग विहार थाना में पुलिस को एफआईआर दर्ज करवाया था। जिसके बाद पुलिस ने विकास शेखर को गिरफ्तार किया था।
विकास शेखर पर आरोप लगाया गया था कि वह इंडिया बुल्स के अधिकारियों को व्हाट्सएप कॉल करके धमकाता था कि उनके पास इंडिया बुल्स की काफी शिकायतें हैं या तो दस करोड़ रुपये दीजिए वरना वह सरकारी अधिकारियों तक कंपनी की शिकायत कर देगा।
गुरुग्राम पुलिस द्वारा विकास शेखर को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उसने पूछताछ में बताया था कि, कंपनी को धमकी देने और रंगदारी मांगने का काम किसलय पांडेय के कहने पर किया करता था। किसलय पांडेय ने इस मामले में अपने खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को खारिज कराने के लिए ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में रिट भी दायर की थी। सुनवाई होने के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान ने मामले को खारिज भी कर दिया था।
विकास शेखर ने पुलिस को आगे जानकारी देते हुए बताया कि, किसलय पांडेय के प्लान के अनुसार उसे कहा गया था कि, दो तीन वित्त कंपनियों के शेयर खरीदकर बाद में उन पर झूठे आरोप लगाकर बहुत रूपए हड़पा जा सकता है। जिसके बाद निर्देशानुसार विकास ने इंडिया बुल्स और डीएचएफएल फाइनेंस कंपनियों के कुछ शेयर खरीदे थे और बाद में उनकी ही शिकायत कर दी थी। विकास ने आगे कहा, इस वाकया के कुछ दिन बाद ही किसलय ने उसे दफ्तर बुलाकर पांच लाख रुपये दिए थे और कहा कि डीएचएफएल से समझौते के बाद 20 लाख रुपये मिले हैं। इनमें से पांच लाख उसके हैं। अब वह डीएचएफएल कंपनी के खिलाफ दर्ज़ की गई शिकायत को खरीज कर दे।