इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने लिया सन्यास। धोनी ने शनिवार 15 अगस्त को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा।
सभी के दिलों पर राज़ करने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। भारत में क्रिकेट के जिस स्तर पर धोनी हैं वहाँ तक लोगों को पहुँचने में पूरा जीवन लग जाता है। परन्तु धोनी की प्रतिभा कुछ अलग ही थी। उन्होंने जूनियर क्रिकेट टीम से बिहार क्रिकेट टीम, झारखंड क्रिकेट टीम से इंडिया ए टीम उसके बाद भारतीए टीम का सफ़र लगभग 5-6 साल में पूरा कर लिया।
धोनी का जूनियर क्रिकेट की शुरुआत 1998 में हुई थी। वहाँ से उन्होंने अपना करियर शुरू करते हुए इस मुकाम पर पहुँचे हैं। इतना ही नहीं आज करोड़ों लोगों के रोल मॉडल बने हुए हैं महेंद्र सिंह धोनी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने करियर की शरूआत 2004 में बांग्लादेश के वन डे मैच से किया था। परन्तु करियर के पहले ही मैच में वह पहली गेंद पर रन आउट हो गए थे और इत्तेफाक से उनके आखिरी मैच, न्यूजीलैंड के खिलाफ वर्ल्डकप सेमीफाइनल में रन आउट हो गए थे और साथ ही भारत की वर्ल्डकप जीतने की उम्मीदों पर पानी फिर गया था।
धोनी के कप्तानी के पद पर रहने के दौरान भारत ने आईसीसी वर्ल्ड टी 20 (2007) , क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) , आईसीसी चैंपियन् ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुके हैं।
धोनी ने शनिवार को इंस्टाग्राम पर पोस्ट के जरिए संन्यास लेने का एलान किया। कोहली ने पोस्ट करते हुए कहा, धोनी ने जो किया है वह कभी भुलाया नहीं जा सकता है। कोहली ने पोस्ट के जरिए कहा, आपने जो भी अपना योगदान इस देश के लिए दिया है वह सबको हमेशा याद रहेगा। पर आपने जो मुझे प्यार और सम्मान दिया ही वह मेरे साथ रहेगा। लोगों ने आपकी उपलब्धियाँ देखी है, मैंने आपको देखा है। कोहली ने यह भी कहा, हर क्रिकेटर के सफ़र का अंत होता है, पर यह समय जब किसी अपने करीबी का होता है तो मन ज़्यादा भावुक हो जाता है।
दूसरी तरफ़ पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट करते हुए कहा कि खिलाड़ी आते हैं खिलाड़ी जाते हैं, पर उन जैसा होना नामुमकिन है। धोनी जैसा ना कोई हुआ है, ना कोई है, ना ही कोई होगा। लोगों से अपने जुड़ाव के कारण कई लोगों की, युवा क्रिकेटरों की प्रेरणा हैं। ओम फिनिशाय नमः।