भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई जी की आज दूसरी पुण्यतिथि।

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भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेई जी की आज दूसरी पुण्यतिथि है। 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया था। हालांकि उनके निधन से पूरे देशवासी शोक में थे। वाजपेई जी उन चंद नेताओं में से एक थे जो कभी भी दलगत राजनीति के चक्कर में नहीं फंसे। देखा जाए तो अटल बिहारी वाजपेई हमेशा से ही हर पार्टी द्वारा पसंद किए गए थे। यही नहीं जम्मू कश्मीर में भी उन्होंने अच्छी लोकप्रियता हासिल की थी। तमाम जन के दिलों पर राज किया करते थे अटल बिहारी वाजपई। आइए हम आपको उनसे जुड़ी कुछ बातें बताते हैं।

अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्म 25 दिसम्बर 1924 में ग्वालियर में हुआ। ग्वालियर में ही विक्टोरिया कॉलेज से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। हालांकि उनका पैतृक गाँव यूपी के बटेश्वर में है। आपको बता दें कि उनका समस्त जीवन राजनीति, कविता और सादगी के साथ बीता है। हाँ, यह भी है कि लोगों के जहन में ये बातें कई बार आती थी कि उन्होंने शादी क्यों नहीं की। कई बार उनके शादी के विषय में उनसे सवाल भी किए गए और अटल जी बड़े ही शालीनता के साथ जवाब दिया, “व्यस्तता के कारण नहीं हो पाया”। उनके परिवार वालों का कहना है कि उन्होने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लिए आजीवन अविवाहित रहने का प्रण लिया था।

हालांकि यह तो सभी जानते होंगे कि अटल जी की शादी नहीं हुई थी। पर क्या आप जानते हैं उनकी एक बेटी भी थी। जिसका नाम नमिता भट्टाचार्य है। वह अटल जी की दत्तक पूत्री थी। जिस तरह से उन्होंने जीते जी सबके दिलों पर राज़ किया, बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत थे। उन्होंने अपने जाने के साथ भी लोगों को बहुत बड़ी चीज सीखा गए। वाजपेई जी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उन्हीं की पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने दी थी और लोगों को मिसाल दी थी।

अटल जी के द्वारा लिखी गई किताब “अटल बिहारी वाजपेई – ए मैन ऑफ ऑल सीजंस” में उनकी एक ख़ास मित्र राजकुमारी कौल का ज़िक्र किया गया है। राजकुमारी कौल और अटल जी विक्टोरिया कॉलेज में साथ में पढ़ते थे। किताब में लिखा गया है कि कॉलेज ख़त्म होने के बाद अटल जी पूरे तरीके से राजनीति में जम गए। इसी दौरान राजकुमारी कौल का विवाह कॉलेज के प्रोफेसर ब्रिज नारायण कौल से कर दिया गया था। हालांकि राजकुमारी कौल के साथ अटल जी की मित्रता कि चर्चा कभी भी अखबारों की सुर्खियाँ नहीं बनी। राजकुमारी कौल की मृत्यु 2014 में हुई, इस बारे में अखबारों में बड़ी प्रमुखता के साथ इसे छापा गया।

राजकुमारी कौल ने मैगज़ीन में इंटरव्यू देते हुए कहा कि मुझे अटल के साथ अपने रिश्ते को लेकर कभी भी अपने पति को स्पष्टीकरण नहीं देना पड़ा। अटल बिहारी वाजपई और राजकुमारी कौल की दोस्ती की नैतिकता से उनके पति को कोई ऐतराज़ नहीं था।

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