भारत में 7 महीने में 400 बार हिली धरती, भकंप के झटकों से खतरा

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साल 2020 में कई तरह की विपदाएं देखने को मिली है। महामारी के साथ प्राकृतिक आपदा ने भी कई बार दस्तक दी है। पिछले सात महीने में बहुत बार छोटे – बड़े भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। कुछ झटके महसूस नहीं हुए तो कुछ भूकंप के झटकों से बचने के लिए लोगों को अपने घरों और फ्लैट को छोड़ के सुरक्षित जगहों पर भी पहुंचना पड़ा। हाल ही में  देश के विज्ञान, तकनीकी और पृथ्वी, विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राज्य सभा में बताया कि कितनी बार धरती भूकंप के झटकों से हिली है।

भूकंप के आंकड़े नेशनल सिसमोलॉजी नेटवर्क द्वारा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को दिये गए है। भारत में पिछले सात महीने यानी की 1 मार्च 2020 से लेकर 8 सितंबर 2020 तक का यह आंकड़ा बिठाया गया है। इन सात महीने में लगभग 410 से ज़्यादा बार भूकंप आए हैं। इन 413 भूकंप के झटकों में से लगभग 135 झटके ऐसे थे जिनकी तीव्रता बहुत कम थी, इस कारण यह झटके महसूस नहीं किए गए हैं। वॉल्कैनो डिस्कवरी डॉट कॉम के अनुसार पिछले साल 2019 में 4.2 तीव्रता से ऊपर के कुल 335 झटके आए थे। जबकि इस साल सात महीने में तकरीबन 75 भूकंप ज़्यादा आए हैं।

आपको बता दें, जो 135 झटके आपको महसूस नहीं हुए वो 3 की तीव्रता से कम के थे इसीलिए महसूस नहीं किए गए। जबकि 150 भूकंप के झटके बहुत छोटे थे जो की लोगों को महसूस तो हुए पर किसी तरह की कोई हानि नहीं हुई। ऐसे झटके ज़्यादातर अप्रैल से मई के महीने में आए हैं इनकी तीव्रता 3 से 3.9 रिक्टर स्केल तक थी। भूकंप के एक्सपर्ट्स और भूगर्भशास्त्रियों का कहना है कि अभी धरती की टेक्टोनिक प्लेट खिसक रही है, जिसकी वजह से इतनी बार भूकंप आ रहे हैं।

देश में 114 भूकंप ऐसे भी आए हैं जिनकी तीव्रता 4.0 से 4.9 रिक्टर स्केल तक थी। यह झटके देश के बड़े इलाकों में महसूस किए गए हैं, काफी लोग डर भी गए थे। हालांकि भारी मात्रा में कोई नुक़सान नहीं हुआ है। इसके अलावा कई राज्यों में 5.0 से लेकर 5.9 रिक्टर स्केल के 11 भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इन झटकों के दौरान लोग अपने घरों से, ऑफिस से बाहर निकल कर सुरक्षित जगहों पर आ गए थे। राहत की खबर ये है कि किसी के मरने या घायल होने की कोई खबर नहीं मिली। हालांकि कमजोर इमारतों में हल्का फुल्का नुक़सान ज़रूर हुआ है। कुछ जगहों पर लाइट चली गई थी।

भूकंप एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब टेक्टोनिक प्लेटों के बीच की गैस रिलीज़ होती है तब भूकंप के झटके महसूस लिए जाते हैं। गर्मियों के मौसम में ऐसे हालात ज़्यादा देखने को मिलते हैं। यह जानकारी डॉ हर्षवर्धन ने राज्य सभा में दी। भूकंप के झटकों पर नजर रखने वाली सीट वोल्कैनो डिस्कवरी द्वारा बताया कि कुल 235 झटके ऐसे हैं जिनकी तीव्रता 3.5 रिक्टर स्केल से कम हैं। ऐसे झटके महसूस नहीं हो पाते क्योंकि इनकी तीव्रता बहुत कम होती है। आपको बता दे सबसे बड़े दो झटके 5.5 – 6.0 की तीव्रता से आए थे। 17 जुलाई 2020 को अंडमान निकोबार द्वीप पर सबसे ज़्यादा तीव्रता से भूकंप आया था। यह 6.1 रिक्टर स्केल की तीव्रता से आया था।

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