वायु प्रदूषण से कोरोना वायरस का खतरा बढ़ सकता है, देश की बनी हुई हालत गंभीर।

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नई दिल्ली। विशेषज्ञों की मानें तो प्रदूषण बढ़ा सकता है कोरोना वायरस का संक्रमण। बढ़ते वायु प्रदूषण से फेफड़ों की बीमारी होने की संभावना बढ़ी। 

विशेषज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण का बढ़ता प्रकोप कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ा सकता है। लॉकडाउन के समय में वायु प्रदूषण नियंत्रण में था। लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद से और बदलते मौसम से प्रदूषण काफी ज़्यादा बढ़ गया है। रविवार को राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की जांच की गई तो पता चला कि हवा की गुणवत्ता बहुत खराब है।

विशेषज्ञों ने बताया कि इस वायु प्रदूषण से स्वसन प्रक्रिया पर काफी प्रभाव पड़ेगा। बढ़ते प्रदूषण की समस्या के कारण फेफड़ों में सूजन हो जाती है। जिससे वायरस को अंदर घुसने में बहुत आसानी होती है। इसके अतिरिक्त वायरल इन्फ्लूएंजा जैसी सांस की परेशानी बढ़ सकती है। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि, सर्दी के मौसम में वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। ऐसे में ज़रूरी है कि कई तरह के एहतियात बरती जाएं। 

आपको बता दें, विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि, बढ़ता प्रदूषण कोरोना वायरस को दूसरे पीक पर पहुंचा सकता है। पहले पीक में लाखों लोगों में संक्रमण हो चुका है। कई लाख लोगों की जान भी जा चुकी है। हालांकि यह भी कहा गया है कि इसका प्रभाव देश में महानगरों में ज़्यादा देखने को मिलेगा। इसके साथ ही कई देशों में इस आशंका की पुष्टि भी की जा चुकी है। ऐसे में जरूरी है कि दूसरे पीक में पहुंचने से पहले ही सावधानी का ध्यान रखा जाए। अगर देश दूसरे पीक में पहुंचता है तो इसे संभालना बेहद मुश्किल हो सकता है। देश के कई क्षेत्रों में जैसे केरल, कर्नाटक, राजस्थान, पंजाब सहित छत्तीसगढ़ में इसका प्रकोप देखा जा चुका है। फिलहाल यह राष्ट्रीय स्तर से दूर है। 

कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित देशों में भारत का नाम भी शामिल है। इसीलिए भारत के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि एक बार वैक्सीन बन जाए तो इससे बचाव की संभावना कई अधिक बढ़ सकती है। जानकारी के लिए बता दें अब तक पूरे देश में कोरोना वायरस से लगभग 1,14031 लोगो की जान जा चुकी है। रिकवरी दर बढ़ कर 88.3% हो चुकी है।

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