साई इंग-वेन दुबारा बनी ताइवान की राष्ट्रपति वो भी रिकॉर्ड रेटिंग के साथ

Taiwan

ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने रिकॉर्ड रेटिंग के साथ राष्ट्रपति के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत कर दी है। इस दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मंगलवार को उनको बधाई दी। पोम्पियो की बधाई के बाद चीन ने कड़ा एतराज जताया है। चीन ने कहा, ‘‘यह बहुत ज्यादा गलत और खतरनाक है।’’
ताइवान की राष्ट्रपति ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से ऐसा रास्ता खोजने को कहा है, जिसमें दोनों देशों का अस्तित्व हो। ताइपे में बुधवार को परेड के बाद अपने भाषण में 63 साल की राष्ट्रपति साई ने कहा कि चीन के साथ बातचीत हो सकती है, लेकिन ‘एक देश दो सिस्टम’ के तहत नहीं। साई ने पहले कार्यकाल के समय ही वन चाइना पॉलिसी को मानने से मना कर दिया था। इसके बाद चीन ने ताइवान से सभी प्रकार के संबंध तोड़ लिए थे।

साई ने अपना दूसरा कार्यकाल रिकॉर्ड 61% की रेटिंग के साथ शुरू किया। साई की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) ताइवान की सबसे मजबूत पार्टी बन चुकी है। जनवरी में हुए चुनावों में रिकार्ड जीत से डीपीपी ने दूसरी पार्टियों को बहुत पीछे छोड़ दिया है। ताइवान को देश के तौर पर सिर्फ 15 देशों ने मान्यता दी है। इनमें से कई देश बहुत छोटे हैं। ये देश प्रशांत क्षेत्र और लैटिन अमेरिका के हैं। अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को हासिल करने में भी साई को बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली है।

चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी ताइवान को हमला करने की धमकी देती रही है। चीन के विरोध के कारण ही वर्ल्ड हेल्थ असेंबली का हिस्सा नहीं बन पाया था ताइवान। चीन की शर्त थी कि असेंबली में जाने के लिए ताइवान को वन चाइना पॉलिसी को मानना होगा, लेकिन ताइवान ने शर्त ठुकरा दी थी।

चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका का यह कदम चीन के आंतरिक मामलों में दखल देता है। इससे ताइवान की खाड़ी में शांति को नुकसान होगा। पोम्पियो ने कहा था कि अमेरिका ने लंबे समय से ताइवान को दुनिया में एक अच्छी ताकत और विश्वसनीय साथी के रूप में माना है।

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