नोएडा की एक 24 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर को लगा 21,865 रुपये फटका। महिला ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफार्म स्विग्गी द्वारा, बर्गर किंग से बर्गर आर्डर कर रही थी जब उसे साइबर अपराधियों द्वारा फंसाया गया।
महिला रीना चौहान जो की सेक्टर 45 की निवासी है उन्होने एक बर्गर और स्नैक्स ऑर्डर किये थे जिनकी कीमत 178 रुपये थी। पर यह आर्डर महिला तक पहोचा ही नहीं क्योकि जिस समय महिला ने आर्डर किया था उस समय आउटलेट ही ओपन नहीं था।
हालाँकि, जब महिला ने ग्राहक सेवा नंबर को फ़ोन लगाया जो इंटरनेट पर उपलब्ध है तो उसे रिफंड पाने के लिए anydesk एप्लिकेशन के माध्यम से अपने सिस्टम तक एक्सेस प्रदान करने के लिए कहा गया।
जबकि उसके पैसे कभी नहीं लौटे, लेकिन उसे 21,865 रुपये का नुकसान हुआ। महिला द्वारा इस्तेमाल किया गया संपर्क नंबर वास्तव में एक नकली नंबर था जो उसे साइबर क्रिमिनल्स द्वारा प्रदान गया था जो इस क्राइम में शामिल थे।
महिला ने बताया, जब मेरा आर्डर प्लेस्ड हो गया था, मुझे 35 मिनिट में डिलीवरी का आश्वाशन दिया गया था परन्तु मेने 12:35 pm तक का इंतज़ार किया पर मुझे आर्डर नहीं मिला। तब मेने स्विग्गी रेप्रेसेंटेटिटवे से चैट द्वारा कांटेक्ट किया और मुझे पता चला की वो मेरा आर्डर कैंसिल कर रहे है क्योकि उस समय वह रेस्टोरेंट खुला ही नहीं था। उन्होंने मेरा आर्डर 1:30 घंटे बाद कैंसिल कर दिया।
मेने स्विग्गी का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर सर्च किया और मुझे यह नंबर मिला – 7001978326. एक आदमी ने कॉल उठायी और मुझे पीछे से कुछ लोगो की एक दूसरे को गली देने की आवाजे भी सुनाई आ रही थी। जब मेने शंका जताई तो स्पीकर ने बोला की वे मेरी कॉल 12:38 मिनिट पर मैनेजर लेवल एग्जीक्यूटिव को ट्रांसफर कर रहा है उसने मुझे बोला की आपके पैसे वापस आ जायँगे और मुझे AnyDesk डेस्कटॉप एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहा। जब मैंने ऐसा किया, तो उसने मेरे मोबाइल को अपने नियंत्रण में ले लिया। उसने मुझे अपना खाता विवरण भरने के लिए कहा और बाद में अपने आप से डिटेल्स भरी और जल्द ही 21865 रु मेरे खाते से काट लिए गए।
रीना ने आरोप लगाया कि कटौती की हरी झंडी के बाद, आरोपी ने गाली देना शुरू कर दिया और उसे बताया कि राशि वापस नहीं की जाएगी और अगर वह शिकायत करती है या कोई अन्य कॉल करती है तो वे उसके खाते से और पैसे काटते रहेंगे। जब रीना सेक्टर 39 पुलिस स्टेशन में एफआईआर लॉज करने के लिए गई थी। उसने कहा कि उसकी एफआईआर को गंभीरता से नहीं लिया गया इसलिए उसे एक दोस्त ने सलाह दी कि वह साइबर सेल से संपर्क करे। रीना ने बताया, मैंने सेक्टर 108 में साइबर सेल में संपर्क किया मुझे वहा एक अधिकारी से बात करने के लिए कहा गया जिसके बाद मेरी एफआईआर दर्ज की गई। आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई।