सूर्य का 25वाँ सोलर साइकिल शुरू, क्या इसका धरती पर पड़ेगा कोई प्रभाव?

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नासा (NASA) के वैज्ञानिकों का कहना है कि सूरज ने अपना 25वाँ सोलर साइकिल शुरू कर दिया है। क्या आप जानते हैं 25वें सोलर साइकिल का मतलब? क्या सूरज के 25वें सोलर साइकिल का असर धरती पर भी पड़ सकता है? आईए बताते हैं सूरज के 25वें साइकिल के बारे में।

नासा के साथ नेशनल एसोसिएशन एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने मिलकर एक रिपोर्ट तैयार की और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हमारे सूरज ने अपना 25वाँ सोलर साइकिल (Solar Cycle 25) शुरू किया है। इसका मतलब यह है कि अब सूरज की प्रतिक्रियाएं बढ़ जाएगी। सूरज में तेज़ सौर तूफान भी आ सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में सूरज की चमक फीकी पड़ गई थी। सूरज की सभी प्रतिक्रियाएं बिल्कुल शांत थी। सूरज की सतह पर किसी तरह की कोई हलचल भी नहीं हो रही थी। लेकिन अब सूरज की सतह पर हलचल भी होगी और इसकी चमक भी ज़्यादा बढ़ जाएगी।

क्या आप जानना चाहते हैं कि इस बात का पता कैसे चला की सूरज का नया सोलर साइकिल शुरू हो गया है।
नासा के एक वैज्ञानिक लिका गुहाठकुरता द्वारा हाल ही में बताया गया कि सूरज की सतह पर तेज़ सौर ऊर्जा की लपट देखी गई है साथ हीं एक काला धब्बा भी, जो कि यह दर्शाता है कि सूरज ने अपना नया साइकिल शुरू कर दिया है। अब सूरज की ऊर्जा बहुत तेज होगी, सौर तूफानों की लपटे भी बहुत तेज़ होंगी। हालांकि यह सभी प्रतिक्रियाएं सामान्य होंगी। क्योंकि जब भी सूरज की प्रतिक्रिया शांत या मद्धम होती है तो कुछ महीनों या सालों बाद सूरज अपने नए साइकिल की तरफ बढ़ता है। जिसकी वजह से सूरज में तेज़ सक्रियता देखने को मिलती है।

इसके अलावा, जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ने इस बात का दावा किया था कि सूरज पृथ्वी का एक मात्र ऊर्जा का स्रोत है। पिछले 9000 सालों से लगातार इसकी चमक फीकी पड़ती जा रही है। उन्होंने यह भी बताया था कि, पूरे आकाशगंगा में सूरज जैसे अन्य तारों की चमक भी इससे तेज़ है। वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि कहीं यह तूफान के आने से पहले वाली शांति तो नहीं है। ऐसा कहा गया है कि सूरज तकरीबन 4.5 बिलियन पुराना है, तो इसके अनुसार 9000 साल इसकी तुलना में कुछ भी नहीं है। सूरज और अन्य तारों का अध्ययन उनकी उम्र, उनके रोटेशन और उनकी चमक के आधार पर किया जाता है।

मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक का कहना है कि यह रिपोर्ट हमने आकाशगंगा में मौजूद अन्य तारों से सूरज की तुलना करने के बाद तैयार किया है। लगभग 2500 तारों के साथ सूरज का कंपैरिजन किया गया है। इसके अतिरिक्त दूसरे वैज्ञानिक डॉ टीमो रीनहोल्ड ने बताया कि सूरज पिछले कुछ हज़ार सालों से बिल्कुल शांत है। सूरज की इस  रिपोर्ट आंकलन सूरज की सतह पर बनने वाले स्पॉट से किया जाता है। डॉ टीमो रीनहोल्ड ने बताया की 1610 के बाद से सूरज की सतह पर बनने वाले सोलर स्पॉट्स में कमी आई हैं। पिछले साल के ही 264 दिन में एक भी सोलर स्पॉट्स नहीं बनें हैं। आपको बता दें सूरज को सतह पर सोलर स्पॉट्स तब बनते है जब सूरज के केंद्र से गर्मी की तेज़ लहरें ऊपर उठती हैं तो बहुत तेज़ विस्फोटक होता है। साथ ही अंतरिक्ष में तेज़ सौर तूफान उठता है।

डॉ. समी सोलंकी द्वारा बताया गया कि, चुंबकीय क्षेत्र मजबूत होता है तो तारों के केंद्र और सतह एक दम सही प्रतिक्रिया करते हैं। इन प्रतिक्रियाओं से ही पता चलता है कि सूरज का रेडिएशन कितना है और सूरज की चमक कितनी है। सोलर स्पॉट्स नहीं बनने का सीधा तात्पर्य यह है कि सूरज की चमक कम हो रही है।

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