उत्तर प्रदेश की मथुरा जिला जेल आजादी के बाद भारत की पहली जेल होगी जहां किसी महिला को फांसी दी जाएगी।
शबनम और उसके प्रेमी सलीम को उत्तर प्रदेश के अमरोहा में साल 2008 में शबनम के परिवार के सात सदस्यों को कुल्हाड़ी से मारने का दोषी ठहराया गया था, शबनम ने प्रसंग के कारण अपने परिवार को मौत के घाट उतार दिया था जिसमें उसका 10 महिने का भतीजा भी शामिल है। शबनम का 12 साल का एक बीटा भी है जो कि जेल में ही पैदा हुआ था।
शबनम के परिवार में पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम और 10 महिने का भतीजा अर्श शामिल थे, जिनकी अप्रैल 2008 की एक रात को उसने हत्या कर दी थी। शबनम की फांसी की खबर जैसे ही सोशल मीडिया तक पहुंची तो इस पर तुरंत लोगो ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न्याय किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं करता, चाहे अपराधी महिला हो या फिर पुरूष।
लोगो द्वारा किये गए कुछ ट्वीट आप निचे देख सकते है
अपराधी के साथ कोई भेदभाव नहीं
शबनम के 12 वर्ष के बेटे जिसका नाम ताज है ने अपनी मां की सजा माफी के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाई है, ताज द्वारा कहा गया कि, राष्ट्रपति अंकल जी, मेरी मां को माफ कर दीजिए। आपको बता दें कि ताज बुलंदशहर में भूड़ चौराहे के पास सुशील विहार कॉलोनी के वासी उस्मान सैफी के संरक्षण में पल-बढ़ रहा है। उस्मान द्वारा फोन पर बताया गया कि बेटे ताज ने राष्ट्रपति से मां शबनम को माफ करने की मांग की है।