नोएडा में महिलाओं ने प्रकृति को हरा भरा बनाने की करी कोशिश, अब तक 1200 पौधे लगाएं।

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नोएडा में वातावरण को हरा भरा बनाने के लिए कुछ महिलाओं ने मिल कर एक गुट बनाया है। जिसके द्वारा वह पौधारोपण कर इलाके को साफ सुथरा और हरियाली भरा बनाने का काम कर रहे हैं। 

पेड़ पौधे हमारे जीवन में क्या मायने रखते हैं, ये तो हम सभी जानते हैं। हमारे देश में प्रदूषित वातावरण दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसके लिए जरूरी है कि पेड़ पौधे लगाएं जाएं। प्रकृति की स्वछता को ध्यान में रखते हुए ही नोएडा सेक्स 137 की कुछ महिलाओं ने पौधा लगाओ मोर्चा शुरू किया है। शुरुआत में इस गुट में महज 4 से 5 महिलाएं शामिल थी। अब यह संख्या बढ़कर 20-25 हो चुकी है। 

नोएडा सेक्टर 137 में स्तिथ एग्ज़ोटिका फ्रेस्को सोसाइटी से शुरू की गई ये मुहिम आस पास की 8 सोसायटी तक पहुंच गई हैं। इस मोर्चे का कई और महिलाओं ने समर्थन किया है। इन सभी महिलाओं का मनना है कि पेड़ पौधे धरती का श्रृंगार है। हमें मिलकर धरती के इस श्रृंगार को बरकरार रखना है।

यह सभी महिलाएं हर सप्ताह पौधारोपण करती हैं। आपको बता दें ये सभी महिलाएं मिलकर अब तक 1200 पौधे लगा चुकी हैं। ज़्यादातर पौधे इन्होने शीशम, महुआ, जामुन, नीम, अर्जुन और इमली के लगाएं हैं। इन लोगों का कहना है, लॉकडॉउन में हुए वर्क फ्रॉम होम के दौरान इसके लिए हमारे पास टाइम भी आराम से निकल जाता है। इन महिलाओं ने मिलकर सोसायटी और इसके पास के इलाके को साफ सुथरा और हरा भरा करने का जिम्मा उठा लिया है। 

इसके अलावा सोसायटी के पास गंदे नाले को बंद करवाने वाली मुहिम में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल हो चुकी हैं। 

नोएडा सेक्टर 137 में प्रकृति को स्वच्छ बनाने वाले मोर्चे में जुटी महिलाओं ने लॉकडॉउन के समय जरुरतमंदों को राशन वितरण कर मदद भी की था। इन सभी ने मिलकर खुद ही पैसे इक्कठा किये और जरूरतमंद लोगों को राशन और जरूरी सामग्री वितरण किया। इसके अलावा सोसायटी के बाहर गर्मियों में राहगीरों के लिए ठंडा पानी पीने के लिए वाटर कूलर की भी व्यवस्था की गई थी। कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए सोसायटी के बाहर पैर के इस्तेमाल से चलने वाली सैनिटाइजर मशीन को भी लगवाया गया है। इसके अलावा जिन लोगों को कपड़ों कि आवश्यकता उन तक  कपड़े भी पहुंचाने के काम जारी है। 

जानकारी के लिए बता दें इन सभी कार्यों में अब तक 30 लाख रुपए की लागत लग चुकी है। इन महिलाओं ने प्रकृति के रखरखाव के साथ-साथ जरूरतमंद लोगों की भी बहुत मदद की है। इन महिलाओं का यह अभियान अभी भी जारी है।

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