मुंबई में सीवर में मौजूद कोरोना वायरस, आईसीएमआर की स्टडी से हुआ खुलासा।

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देश भर में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आकंड़ों को देखा जाए तो अब तक पूरे देश में कोरोना के लगभग 99 लाख से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं। लगातार इन आंकड़ों में वृद्धि देखने को मिल रही है। इस महामारी से बचने के लिए वैक्सीन कि तैयारी जोरों शोरों से चल रही है। 

हाल ही में खबर आई है कि, मुंबई के सीवर में से कोरोना वायरस पाया गया है। राजधानी मुंबई में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा एक स्टडी की गई है। इसमें धारावी के साथ ही 6 और वार्डों के सीवर के पानी की जांच की गई। इस रिसर्च में इन सीवर के पानी में खतरनाक कोरोना वायरस पाया गया है। बता दें कि इसकी स्टडी के लिए 11 मई से 22 मई के बीच सैंपल लिया गया था। 

इन 6 वार्डों में धारावी, मलाड, वडाला, कुर्ला, कंजूर, और शिवाजी नगर शामिल है। हालांकि इससे पहले भी मार्च में एक बार यहां के सीवर के पानी की जांच की जा चुकी है। लेकिन पहले रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। दोबारा इसकी जांच में यह पॉजिटिव पाया गया है। शुरुआती दौर में ऐसा सुनने को मिला था कि, सीवर के पानी में कोरोना वायरस जीवित रह सकता है। जिसके बाद आईसीएमआर द्वारा इसकी जांच करने का फैसला लिया गया था। अब जैसा की आईसीएमआर की स्टडी से पता चला है कि सीवर के पानी में कोरोना वायरस मौजूद हो सकता हैं। तो यह इस ओर संकेत करती है कि कोरोना ट्रांसमिशन डेटा के लिए सीवेज सर्विलांस शुरू किया जाना चाहिए। कोरोना वायरस से बचाव के लिए देशभर में कई तरह के उपचार किए जा रहे हैं। लेकिन बढ़ते खतरे को देखते हुए और कई उपचार उपयोग में लाने की आवयश्कता बढ़ती जा रही है।

आईसीएमआर की इस स्टडी से इस बात का साफ खुलासा हो गया है कि सीवर के पानी में खतरनाक कोरोना वायरस अपना घर बना चुका हैं। सीवर की गन्दगी में कोरोना वायरस आसानी से जीवित रह सकता हैं। ऐसे में सीवर के साफ सफाई करने वाले कर्मचारियों को ज़्यादा खतरा है। सफाई कर्मचारियों के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इससे कोविड -19 पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों में भी वृद्धि आएगी।

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