छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का शुक्रवार को निधन हो गया। अजीत जोगी को दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 20 दिन से रायपुर के अस्पताल में भर्ती थे। उनके बेटे अमित जोगी ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी हैं।
अमित जोगी ने लिखा कि 20 वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया। केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं,अपना पिता खोया है। अजीत जोगी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़कर, ईश्वर के पास चले गए। गांव-गरीब का सहारा, छत्तीसगढ़ का दुलारा,हमसे बहुत दूर चला गया।
नौकरशाह से राजनेता बने अजित जोगी, छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री रहे हैं। मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ के बंटवारे के बाद वह नवंबर 2000 से नवंबर 2003 तक मुख्यमंत्री रहे। जोगी ने 2016 में कांग्रेस छोड़ दी थी और अपनी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की स्थापना की थी।
दो बार राज्यसभा सदस्य, दो बार लोकसभा सदस्य, एक बार मुख्यमंत्री रहने के अलावा उनके खाते में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। उनकी इच्छाशक्ति और जिजीविषा को एक मिसाल के तौर पर देखा जाता है।
छत्तीसगढ़ के गठन के साथ ही अजीत जोगी राज्य की सियासत के धुरी बन गए। छत्तीसगढ़ की राजनीति हमेशा अजीत जोगी के इर्द-गिर्द घुमती रही है। अजीत जोगी ने वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की पहली बार शपथ ली तो उनका वो बयान इतिहास के पन्नों में उन अमिट पंक्तियों की तरह दर्ज हो गया जिसे हर राजनीतिक विश्लेषक बार-बार दोहराता है।
अजीत जोगी ने कहा था, “हां मैं सपनों का सौदागर हूं। मैं सपने बेचता हूं।” लेकिन वर्ष 2000 के बाद वह सियासत के ऐसे सौदागर साबित हुए जो राजनीति के शीर्ष पर पहुंचने के सपने को दोबारा साबित नहीं कर पाया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अजीत जोगी के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जी के निधन से दुखी हूं। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।