उपछाया चंद्रग्रहण – आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें।

Chandra-Grahan

5 जून 2020 को साल का दूसरा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है, यह चंद्रग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। ग्रहण 5 जून की रात 11 बजकर 15 मिनट से लगना आरंभ हो जाएगा जो सुबह के 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। उपछाया ग्रहण का मतलब यह है कि पूर्ण चंद्र ग्रहण के मुकाबले ग्रहण धुंधला होगा।

चंद्र ग्रहण से पहले के समय को सूतक काल कहा जाता है, इसलिए ग्रहण लगने से पहले किसी भी तरह के शुभ कार्यों को रोक दिया है। सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू होता और ग्रहण खत्म होने के ही साथ खत्म हो जाता है, सूतक काल, ग्रहण रात को 2 बजकर 32 मिनट पर खत्म होगा और इसके साथ ही सूतक काल भी खत्म हो जाएगा। सूतक चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों के समय लगता है, ऐसे समय में सावधान रहना चाहिए और ईश्वर का ध्यान करना चाहिए। सूतक काल में हमें कुछ खास बातों का ध्यान रखाना चाहिए, किसी बच्चे के जन्म लेने के बाद भी उस घर के सदस्यों को सूतक की स्थिति में बिताने होते हैं। सूतक काल में किसी भी तरह का कोई शुभ काम नहीं किया जाता, यहां तक की कई मंदिरों के कपाट भी सूतक के दौरान बंद कर दिये जाते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दिन बहुत से काम करना मना है। यदि कोई व्यक्ति उन नियमों को तोड़ता है, तो उससे उसका जीवन प्रभावित होता है। आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें।

  • धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में भगवान की मूर्ति स्पर्श नहीं करनी चाहिए।
  • चंद्र ग्रहण के समय पति-पत्नी को शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए।
  • सूतक काल ग्रहण लगने पहले ही शुरू हो जाता है। इस समय खाने पीने की मनाही होती है।
  • सूतक काल के समय शुभ काम और पूजा पाठ नहीं की जाती है। भगवान की मूर्ति को स्पर्श करने की भी मनाही होती है।
  • ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए। इसके अलावा न तो कुछ खाना चाहिए और न ही खाना बनाना चाहिए।

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