पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार शाम को निधन हो गया। आज राजकीय सम्मान के साथ प्रणब मुखर्जी के पार्थिव शरीर का लोधी शमशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। अन्तिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव शरीर को आर एंड आर हॉस्पिटल से उनके आवास ले गए थे।
देश के 13वें राष्ट्रपति को सेना के आर एंड आर हॉस्पिटल से सुबह 9:30 लाया गया था और दोपहर 2 बजे लोधी शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने, देश के भारत रत्न से सम्मानित पूर्व राष्ट्रपति को उनके आवास पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजीवाल, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्पीकर ओम बिड़ला, पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीडीएस बिपिन रावत, और अन्य ने भी दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि, प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव थे। इसीलिए अंतिम संस्कार के दौरान ज़्यादा लोग शामिल नहीं हुए थे। सभी लोग पीपीई किट पहने हुए थे। प्रणब मुखर्जी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने दी और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर उनको अंतिम विदाई दी गई।
आपको बता दें, 84 वर्षीय प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। खून का थक्का जमने की वजह से अस्पताल में भर्ती किया गया था। बताया जा रहा है कि उनके ब्रेन की सर्जरी के बाद से उनकी हालत गंभीर हो गई थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। सोमवार शाम उनकी मृत्यु हो गई थी।
काफी लंबे समय तक प्रणब मुखर्जी राजनीति में सक्रिय रहें। 2012-2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे थे। उन्हें 2019 में भारत रतन से सम्मानित किया गया था। प्रणब मुखर्जी को 2008 में पद्म विभूषण से भी नवाजा गया था। उनके देहांत पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान किया गया है। साथ ही पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी शोक का एलान किया है।