बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं को फॉलो करने पड़ेंगे कई गाइडलाइंस, आइए जानते है क्या होंगी गाइडलाइंस।

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तीर्थस्थल हरिद्वार में महाकुंभ मेला 2021 के बड़े स्नान कि तैयारियां चल रही है। जो की 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर किया जा रहा है। बड़े स्नान की तारीख़ पहले ही तय की जा चुकीं हैं। अब बस इसकी तैयारियां तेज़ी से हो रही हैं। लेकीन बहुत ही सावधानियों के साथ सभी इंतेजाम किए जा रहे हैं। 

कोरोना महामारी के कारण पहले से ही कई सावधानियों का ख्याल रखा जा रहा था। लेकीन चमोली में ग्लेशियर टूटने के कारण जो त्रासदी हुई है। उसके बाद विशेष सावधानी बरती जा रही है। महाकुंभ के महा स्नान के लिए मेले के क्षेत्र को अलग-अलग सात जोन में तैयार किया गया है। इसके अलावा 20 अलग सेक्टर्स में बांटा गया है। ताकि श्रादुलुओं को परेशानी न हो। 

श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए ये सभी तैयारी की जा रही है। सभी प्रशासनिक अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। सबसे पहला महा स्नान मौनी अमावस्या के समय हुआ था। जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। अब दूसरा स्नान 16 फरवरी बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सारे इंतजाम किए हैं। कोरोना वायरस और चमोली ग्लेशियर हादसे के बाद से प्रशासन ने यात्रियों के लिए कई गाइडलाइंस बनाई। जिन सभी को पालन करना अनिवार्य होगा। 

1. महा स्नान के लिए अन्य राज्यों से आए श्रद्धालुओं को पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के बिना आए यात्रियों को राज्य के बॉर्डर से ही वापस कर दिया जाएगा। बॉर्डर पर पुलिस अधिकारियों की सख्ती बरती जाएगी। 

2. श्रद्धालुओं को कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट (RT- PCR) दिखानी होगी। कोरोना की रिपोर्ट 72 घंटे पहले की होनी चाहिए। 

3. 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को, गर्भवती महिलाओं को और 10 साल से काम आयु के बच्चों को महा स्नान के लिए मना किया जा रहा है। 

4. हरिद्वार बोर्डर पर ही सभी श्रद्धालुओं की जांच की जाएगी कि कहीं कोरोना के लक्षण तो नहीं है। इसमें सैनीटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग भी शामिल है।

तीसरा महा स्नान 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन होगा। श्रद्धालुओं की संख्या लाखों के पार पहुंचने की संभावना है। प्रशासन द्वारा ज़ारी गाइडलाइंस को सरकार के स्टैंडर्ड ऑपरेटिव प्रोसीजर  (SOP) के अनुसार बनाया गया है। जानकारी के लिए बता दें, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्देश दिया गया है कि, जितने भी श्रद्धालू महा कुम्भ में स्नान करने आएंगे, उन सभी को कोरोना महामारी से बचाव के सभी नियमों के पालन करना अनिवार्य होगा। फेस मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा। इसके अलावा 72 घंटे पहले की कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। 

हरिद्वार में महा स्नान के लिए क्षेत्र को अलग-अलग जोन में विभाजित किया गया है। पहला जोन हरकी पौड़ी को बनाया गया है। दूसरा जोन नीलधरा, गौरीशंकर और लालजीवला क्षेत्रों को बनाया गया है। सभी क्षेत्रों के लिए सहायक मजिस्ट्रेट की भी नियुक्ति की गई है। जानकारी के लिए बता दें, महा स्नान में श्रद्धालुओं के लिए ट्रैफिक के लिए भी नियम बनाएं गए हैं। इस नियम के अंतर्गत हैवी ट्रैफिक का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।

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