औरंगाबाद ट्रैन हादसे में गयी 16 प्रवासी मजदूरों की जान। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा।

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देश में कोरोना वायरस के चलते 24 मार्च को लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गयी थी। लॉक डाउन के कारण लाखों की तादात में मजदूर, छात्र और यात्री जहाँ थे वही फस कर रह गए। इतने दिन बीत जाने के बाद जब मजदूरों के पास साधनों का अभाव होने लगा तो वो पैदल ही अपने घर की और निकल पड़े। 1 मई को रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा भी की थी। और अबतक रेलवे ने बहुत से प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों तक पहुंचा भी है।

ऐसे ही कुछ प्रवासी मजदूर औरंगाबाद से चल कर अपने घर जा रहें थे। इन प्रवासी मजदूरों ने जो मध्यप्रदेश के रहने वाले थे। उन्होंने 5 मई को महाराष्ट्र के जालना से मध्यप्रदेश जाने के अपने सफर की शुरुआत की। पहले ये लोग सड़क मार्ग से जा रहें थे। किन्तु बाद में ये मजदूर रेल की पटरियों के साथ साथ यात्रा करने लगे। इतना चलने के बाद रात को मजदूर थक कर ट्रैन के ट्रैक और उसके आसपास सो गए। शुक्रवार सुबह लगभग 5:30 एक माल गाड़ी जो उधर से गुजर रही थी जिसकी चपेट में आकर 16 मजदूरों की मौत हो गयी तथा कुछ अन्य मजदूरों को भी चोट आयी है।

हादसे के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर खेद जताया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा की मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपए का मुआवज़ा दिया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी घायल मजदूरों के इलाज पर नजर रखी जा रही है। कोरोना काल में मजदूरों के दुर्घटनाओं के शिकार होने का यह पहला मामला नहीं है। इस से पहले भी कई प्रवासी मजदूरों ने हादसों के शिकार होने के कारण दम तोड़ दिया।

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