अब टिक टॉक को बैन करेगा अमेरिका

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वाशिंगटन : चीनी मोबाइल एप टिक टॉक ने अमेरिकी समाज में भी अपना पैर पसार लिया है। टिक टॉक की तेजी से बढ़ती हुई लोकप्रियता अब अमेरिकी सरकार को खटकने लगी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 31 जुलाई 2020 को कहा कि वह अमेरिका में तेजी से प्रचलित हो रहे चीनी मोबाइल एप टिक टॉक को बंद करेंगे। अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस एप के माध्यम से इकठ्ठा किये गये डेटा यानी अमेरिकी यूजर्स की जानकारियों का इस्तेमाल चीन का खुफिया विभाग कर रहा है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यह बात एक पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि ‘जहां तक टिक टॉक से जुड़ी चिंताओं का सवाल है, हम उसे अमेरिका में बैन करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अधिकारियों ने इस विषय पर चिंता जताई है कि हमारी जानकारी चीन के खुफिया विभाग तक पहुंचाई जा रही है। बताया जा रहा है कि सिलिकॉन वैली के विशेषज्ञों ने अमेरिकी सरकार से अपील की थी कि भारत की तरह अमेरिका को भी टिक टॉक को बैन करना चाहिए क्यूंकि इससे डेटा के दुरूपयोग की संभावना बनी रहती है। अमेरिका से पहले भारत में भारत में टिक टॉक सहित 59 चीनी एप को बैन किया जा चुका है। अमेरिका ने पहले भी चीनी एप पर बैन लगाने के संकेत दिए थे।

अमेरिका में टिक टॉक के संचालक कंपनी को समय-समय पर कानूनी मोर्चे पर घेरा जाता रहा है। फरवरी में टिकटॉक एक मामले के निपटारे के लिए अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग को 57 लाख डॉलर देने को भी राजी हुआ था, इसमें टिकटॉक पर 13 साल से कम उम्र के बच्चों से नाम, ईमेल का पता, उनका स्थान आदि जैसी व्यक्तिगत जानकारी अवैध रूप से एकत्रित करने का आरोप था। पहले सैनिकों के टिक टॉक के इस्तेमाल पर पिछले साल दिसम्बर में ही अमेरिकी सेना ने रोक लगा दिया था। अमेरिकी में थल सेना के साथ-साथ नौसेना ने भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। भारत के बाद अमेरिका में प्रतिबंध की ख़बरों से चीनी एप टिक टॉक की मुश्किलें बढ़ती हुए दिख रही है।