टाइफाइड से पाना चाहते हैं निजात, यह काढ़ा रख सकता है आपके सेहत को तंदुरुस्त।

गर्मी का मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी अपने संग लाता है।  जो की चिंता का विषय  है, गर्मी के मौसम टाइफाइड जैसी बीमारियां भी इंसान को जकड़ लेती हैं। इन महीनों टाइफाइड के कई मामले भी सामने आये  हैं।  एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ टाइफाइड। ऐसी स्तिथि में ज़रूरी है की सेहत का ध्यान रखा जाये।

कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को ठीक होने में तकरीबन 10 से 15 दिन का समय लगता है। जबकि टाइफाइड ठीक होने में 20 दिन से ज़्यादा का समय भी लग जाता है।

टाइफाइड टाइफी नामक बैक्टीरिया के कारण होता है।  यह बैक्टीरिया हमारे शरीर में दूषिते पानी पीने और खाने के जरिये प्रवेश करता है।  इसके कारण शरीर का तापमान बढ़कर 104 डिग्री तक पहुँच जाता है।  

इससे बचाव के लिए बाबा रामदेव ने कुछ उपचार बताया है जिससे 20 दिन में ठीक होने वाली टाइफाइड बीमारी तकरीबन 7 दिनों में पूरी तरह से ठीक हो सकती है। बाबा रामदेव के अनुसार योग और प्राणायाम के साथ साथ काढ़ा का सेवन करने से इसका इलाज़ जल्दी किया जा सकता है।

बाबा रामदेव ने कुछ ऐसे तरीके बताये हैं जिनसे आप अपने डाइट को सुधार कर सकते हैं।

इस दौरान आपको काढ़ा और चीकू का ही सेवन करना है। अगर चीकू उपलब्ध नहीं है तो आप सेब या पपीता भी खा सकते हैं।  इसके अलावा आप छिलके वाली मूंग दाल और चावल की खिचड़ी बना कर भी खा सकते हैं।  

इन दिनों बुखार हो जाने पर हमारे दिमाग में सबसे पहले कोरोना संक्रमित होने का ही ख्याल आता है। हालाँकि इतने बढ़ते मामलों में ऐसा संदेह होना भी लाज़मी है। लेकिन ज़रूरी नहीं की आप कोरोना संक्रमित ही हों यह टाइफाइड के भी लक्षण हो सकते हैं।

आईये जानते हैं टाइफाइड लक्षणों के बारे में-
सिरदर्द
पेटदर्द
जी मचलना
बुखार
बदनदर्द
भूख न लगना
उलटी आना आदि लक्षण टाइफाइड बुखार के हो सकते हैं।

बाबा रामदेव के अनुसार मुनक्का का काढ़ा टाइफाइड से जल्द मुक्ति दिलाने के लिए अच्छा उपचार है। आईये जानते हैं  बनाने के लिए सामग्री और विधि।  

काढ़ा बनाने के लिए 2 से 3 ग्राम खूबकला, 3 से 4 अंजीर, 8 मुनक्का की ज़रूरत पड़ेगी।  काढ़ा बनाने के लिए आपको 400 ग्राम पानी में इन सभी सामग्री को मिला कर धीमी आंच पर पकाना है। जब 100 ग्राम पानी बच जाए तो सामग्री को अच्छे से मैश कर लेना है और पानी छान लेना। इसका सेवन दिन में दो बार करना है।  बाबा रामदेव का कहना है कि सदियों से शरीर की अच्छी सेहत के लिए इस काढ़ा का इस्तेमाल किया जा रहा है।  टाइफाइड भुखार ठीक करने के लिए यह सबसे अच्छा उपचार है।

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