चार धाम की यात्रा शुरु, यात्रा के लिए ई–पास का होना अनिवार्य– उत्तराखंड।

कोरोना महामारी के कारण लंबे समय से स्थगित की गई चार धाम की यात्रा को अब फिर से शुरु कर दिया गया है। इस साल आज से ही चारधाम की यात्रा की शुरुआत हुई है। लेकिन इस यात्रा पर जाने के लिए कई कड़े नियमों का पालन करना होगा अनिवार्य।

जिन भी श्रद्धालुओं को चार धाम की यात्रा पर जाना है, उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के 15 दिन बाद का सर्टिफिकेट दिखाना पड़ेगा। उसके बाद ही यात्रा पर जानें की अनुमति दी जायेगी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन होने की प्रक्रिया के अनुसार ई पास जारी किया जायेगा। बिना ई पास श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के यह चार धाम बेहद प्रसिद्ध हैं, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री। दूर–दूर से लोग यात्रा पर निकलते हैं इन मंदिरों के दर्शन के लिए। हालांकि हर साल अप्रैल मई के महीनों में चारधाम यात्रा की शुरुआत की जाती है, लेकिन कोरोना वायरस के दूसरी लहर के कारण यात्रा शुरु नहीं की गई थी।

बता दें कि, उच्च न्यायालय द्वारा श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर दी गई है। निर्धारित दिशा निर्देशों के अनुसार एसओपी में बद्रीनाथ दर्शन जे लिए प्रतिदिन केवल 1000 यात्री ही दर्शन कर सकेंगे। केदारनाथ में प्रतिदिन 800 और गंगोत्री में 600 यात्री ही प्रतिदिन दर्शन करेंगे। जबकि यमुनोत्री में सिर्फ 400 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति होगी। इसके लिए भी श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट या फिर वैक्सीन की दोनो डोज लगे होने का प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा। 

इसके आलावा जिन राज्यों में कोरोना के ज्यादा केस हैं या जहां कोरोना के कारण स्तिथि गम्भीर हैं उनको उनके लिए 72 घंटे पहले की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट जमा करना अनिवार्य होगा। राज्य के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को उतराखंड चारधाम यात्रा के लिए देवस्थानम बोर्ड की साइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा और कोरोना मुक्त रिपोर्ट को ऑनलाइन ही सबमिट करना होगा। 

कोविड–19 के कारण सख्त दिशा निर्देश लागू किए गए हैं। मंदिर परीसर में एक बार में महज तीन ही लोग प्रवेश कर पाएंगे। इसके अलावा मंदिर में मौजूद मूर्तियों, घंटियों आदि को छूने की मनाही रहेगी। तीर्थयात्रा में सामाजिक दूरी का पालन किया जाएगा। लेकिन यात्रियों को मंदिर के गर्भगृहों में जाने की इजाज़त नहीं होगी। 
जानकारी के लिए बता दें कि, लागू निर्देशों के अनुसार, बच्चों, बीमार, और ज्यादा वृद्ध लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं है।

चारधाम की यात्रा का समापन अक्टूबर–नवंबर माह में होता है। तो ऐसे में यात्रा के लिए अभी भी डेढ़ दो महीने का समय शेष हैं। श्रद्धालु कोविड–19 के प्रोटोकॉल्स का पालन कर दर्शन कर सकते हैं। इसी बीच मुख्य सचिव द्वारा शुक्रवार को केदारनाथ और चारधाम का ब्यौरा लिया गया, सुरक्षित तीर्थयात्रा के लिए इंतजाम का निर्देश जारी किया। साथ ही इंतजामात को सुचारू रुप से करते हुए तेज़ी लाने का निर्देश दिया।

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