बोत्सवाना में हो रही है हाथियों की रहस्यमई तरीके से मौत, कई महीनों की जांच के बाद पता चला सही कारण

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बोत्सवाना में मई महीने से तकरीबन 350 हाथियों की मौत हो गई, यह कोई आम मौत नहीं थी। इन हाथियों की मौत का स्पष्ट कारण का खुलासा भी नहीं हो पा रहा था। हालांकि कई महीनों की जांच के बाद हाथियों कि रहस्यमई मौत के कारण पता चल गया है।

क्या आप जानते हैं दुनियाँ में सबसे ज़्यादा हाथियों कि संख्या दक्षिण अफ्रीका में पाई जाती है। यह संख्या लगभग 130,000 से ज़्यादा है इसीलिए बोत्सवाना को हाथियों का घर कहा जाता है। लेकिन अचानक से इतनी बड़ी संख्या में हाथियों की मौत से पशुपालन और वन्यजीव संरक्षको में हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल यह सबसे गंभीर मुद्दा बना हुआ है और होना भी चाहिए।

आपको बता दें, साल 2016 में आईयूसीएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह पाया गया था की दुनियाभर में तकरीबन 11 लाख से ज़्यादा हाथी मौजूद हैं। वहीं दूसरी रिपोर्ट 2019 में आयी जिसके अनुसार यह संख्या घटकर 415,000 हो गई है। इस रिपोर्ट से इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि हाथियों का जीवन संकट में हैं और हाथियों की संख्या में 3 साल में सीधे 500,000 की गिरवाट आई है।

बात करते हैं दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना की, जहां बहुत ही रहस्यमई तरीके से 350 हाथियों की मौत हो गई थी, इस खबर से हड़कंप मचा हुआ है। बोत्सवाना में सबसे पहले मई के महीने में 168 हाथियों के मृत शरीर दिखे थे। जिसके बाद बिना किसी देरी के जांच शुरू कर दी गई थी। इसके बाद जून के महीने में लगभग 182 हाथियों के शव मिले। जिसकी वजह से विशेषज्ञों कि चिंता और बढ़ गई।

हालांकि कई महीनों तक इसकी जांच जारी रही। हाथियों के कंकाल को लैब में टेस्ट के लिए भेजा गया था। साथ ही बोत्सवाना में जहां हाथियों कि मौत हुई थी उस इलाके की मिट्टी और पानी के सैंपल भी टेस्ट के लिए भेजे गए थे। इसके अलावा जिम्बांब्वे में भी अगस्त महीने में एक साथ 29 हाथियों की मौत का मामला सामने आया था। पूरी दुनिया में यह बेहद ही चिंता का विषय बन गया है।

आपको बता दें, जांच में यह बात सामने आई है कि पानी में मौजूद साइनोबैक्टरिया इतनी बड़ी संख्या में हाथियों की मौत का जिम्मेदार है। पानी में साइनोबैक्टेरिया पाया गया जिसको पीने के बाद हाथियों के पेट में सिनोबैक्टरिया ने जहर का काम किया। हालांकि इस रिपोर्ट से संरक्षणवादीयों को संतुष्टि नहीं मिली है।

ऐसा माना जा रहा है कि, पानी में साइनोबेक्टरिया अक्सर ही पाए जाते हैं और यह जहर पैदा नहीं करते हैं। लगातार पर्यावरण में हो रहे बदलावों के कारण साइनॉबैक्टरिया पानी को जहरीला बना रहे हैं। हाथियों की मौत का यही कारण अब तक सामने आ पाया है। बोत्सवाना में कुल हाथियों की आबादी का एक तिहाई हिस्सा यहां मौजूद है। बोत्सवाना को हाथियों का घर कहा जाता है। यहां तकरीबन 1,30,000 हाथियों का बसेरा है।

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