पुणे के शिक्षकों ने शारीरिक शिक्षण को लेकर छेड़ा आंदोलन।

पिछले दो सालों से कोरोना ने अपना जो कहर बरपाया है, उसके बाद से एक बाद तो साफ है कि हमारा शरीर फिट है , स्वस्थ है तो हम खुद को बीमारियों से बचा सकते है । बात करें शिक्षा व्यवस्था की तो स्कूलों और कॉलेजों में भी आज के समय में शारीरिक शिक्षण को एक मुख्य स्थान दिया गया है। लेकिन हमारी आज की जीवन शैली ने हम सभी को इतना अस्त व्यस्त कर दिया है कि, हम अपनी सेहर की ओर ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में कोरोना वायरस ने एक दर्पण के रूप में काम किया और हमें बताया कि हमारा शरीर कितना विकृत हो चुका है।

ऐसी स्थिति में यह तो तय है कि यदि हमें अपने जीवन का प्रचुर मात्रा में आनंद लेना है तो हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना बहुत जरुरी है। इसीलिए शारीरिक शिक्षा हमारे समाज के लिए एक विशेष विषय है।

शारीरिक रूप से स्वस्थ होने से ही हम अपने देश को एक मजबूती की ओर ले जा सकते हैं और अपंगता से भी बचा सकेंगे। हम स्वस्थ रहेंगे तो देश भी स्वस्थ रहेगा, देश स्वस्थ रहेगा तो वैश्विक स्तर पर, ओलम्पिक जैसे बड़े खेल में अच्छा प्रदर्शन करने में बेहतरीन रूप से सामर्थ रहेगा। हमारे स्वास्थ्य से हमारा मानसिक विकास के साथ साथ देश का विकास भी जुड़ा हुआ है। लेकीन इसके लिए हमें प्राथमिक अथवा माध्यमिक विद्यालय स्तर से ही विद्यार्थियों को तैयार किया जाना चाहिए। 

बता दें कि, महाराष्ट्र में शारीरिक शिक्षण के लिए हड़ताल कार्यकर्म पिछले कई सालों से लिया गया है। लगभग बीते 10 सालों से महाराष्ट्र में शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के मुद्दों लटके हुए हैं, कोई कार्यवाई अब तक नहीं की गई है।

सरकार को इन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 18 अक्टूबर 2021, सुबह 10 बजे पुणे के सेंट्रल बिल्डिंग में विशाल सोलंकी साहब, आयुक्त शिक्षा, महाराष्ट्र राज्य, पुणे कार्यालय के सामने एकदिवसीय धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। प्रदर्शनकारी शिक्षकों के हड़ताल करने का मुख्य उद्देश्य है कि, हम अपने राष्ट्र को शारीरिक शिक्षा और खेलकूद के क्षेत्र में मजबूत बना सकें। प्रदर्शन को तेज किया जा रहा है ताकि सरकार इस मुद्दे पर गौर फरमाए और कोई ठोस कदम उठा सके।

प्रदर्शन संघ की मुख्य मांगें निम्न प्रकार से हैं–
1. शारीरिक शिक्षा शिक्षक के पद के संबंध में मानदंड जो भी तय मान्यता हैं, उनमें एक अन्यायपूर्ण कारक है, उसको तुरंत बदला जाना चाहिए।
2. शारीरिक शिक्षा शिक्षक के पूर्णकालिक पद के लिए शारीरिक शिक्षा विषय के पूर्ण प्रभार की शर्त को हटाया जाना चाहिए।
3. मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई क्षेत्राधिकार के सब्सिडी वाले और गैर-सब्सिडी वाले कॉलेजों में 188 सीटें भरी जानी चाहिए।
4. अन्य कई मांगों को लेकर पुणे में शारीरिक शिक्षा शिक्षकों का आंदोलन जारी होगा। इसकी जानकारी महासंघ के अध्यक्ष श्री तयप्पा शेंडगे , मुंबई विभाग प्रमुख डॉ सचिन शिंदे, ठाणे जिलाध्यक्ष श्री राहुल अकुल, सचिव डॉ. सुनील पवार एवं कार्याध्यक्ष अमोलकुमार वाघमारे ने दी। हालांकि संगठन ने शारीरिक शिक्षा शिक्षकों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।

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