पिछले 11 दिन से धरने पर बैठे किसानों ने किया शांतिपूर्ण तरीके से भारत बंद का एलान। अब तक किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन अब तक सह सम्मति के रूप में कोई फैसला नहीं लिया गया है। कृषी नियमों के विरोध में बैठे किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए ट्रेड यूनियन और विपक्षी नेता भी कल मंगलवार को भारत बंद का समर्थन करंगे। सुबह 11 बजे से दोपहर के 3 बजे तक बंद रहेगा भारत। फल, सब्जी, के साथ-साथ अन्य सभी जरूरी सेवाएं भी कि जाएँगी बंद।
किसानों के प्रदर्शन करने की मुख्य वजह है सरकार द्वारा बनाए गए नए तीन कृषि नियम। किसानों की मांग है कि इन तीनों ही नियमों को खारिज किया जाए। इसी के संदर्भ में किसानों ने पिछले डेढ़ हफ्ते से राजधानी दिल्ली को अपना अस्थाई घर बना लिया है।
किसान आन्दोलन जारी रखते हुए भारतीय किसान यूनियन प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि, हम यह प्रदर्शन करके सरकार को बताना चाहते हैं कि उनकी बनाई गई कुछ नीतियों से हम सहमत नहीं हैं।
किसानों ने कृषि आन्दोलन का समर्थन करने वालों का स्वागत करते हुए मंगलवार को भारत बंद का एलान किया।
किसानों ने कृषि नियमों को वापस लेने की मांग की है। किसानों का कहना है, अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गई तो, हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे और हो सकता है यह आक्रामक रूप भी ले ले। किसानों की मांग है कि तीनों कृषि नियमों को वापस लिया जाए।
इसके अलावा सिंघू बॉर्डर पर बैठे किसानों का रहना खाना पीना वहीं होगा। किसानों का कहना जब तक सरकार हमारे पक्ष में फैसला नहीं लेते तब तक हम यही बैठने के लिए तैयार हैं।