कल्याणपुर थाना अंतर्गत बासुदेव पुर गांव में बीते शनिवार को रात्रि करीब 10 बजे गांव के ही राजकपूर झा उर्फ़ पप्पू झा फकीराना टोला के हीरा साहनी के घर में घुसने के वजह से उनके पड़ोसिओं के बीच विवाद हुआ और उसके उपरांत पुलिस को भी सूचित किया गया। पुलिस बल राजकपूर झा उर्फ़ पप्पू झा को उस स्थान से ले कर गयी और अगले दिन खबर आयी की पप्पू झा की मृत्यु हो गयी। इस पर पुलिस भी संदेह के घेरे में आ रही है। आगे मृतक के परिजनों ने उस केस में कुल 9 लोगो के खिलाफ FIR दर्ज करवाया जिसमे एक ही परिवार के 4 सदस्यों को नामजद कर दिया गया है जिनके नाम है रत्नाकर झा , उमेश झा , कृपाकर झा और दिवाकर झा।
बताया ये जा रहा है की उक्त परिवार से मृतक के परिवार का पुराना रंजिश है, 1994 में सत्र वाद संख्या 147/95 में राजकपूर झा उर्फ़ पप्पू झा तथा विनय झा उर्फ़ बबलू झा दोनों डकैती तथा लूट के केस में 10 वर्ष के सजायाफ़्ता मुजरिम है। इसी रंजिश के वजह से मृतक का भाई विनय झा उर्फ़ बबलू झा ने इस परिवार के सभी सदस्यों के नाम FIR दर्ज करवा दिया। गौरतलब ये है की रत्नाकर झा जो पेशे से वकील है वो घटना से करीब डेढ़ महीने पहले से दिल्ली और नोएडा में रह रहे थे जिसके अनेको पुख्ता सबूत है। इस सन्दर्भ में अधिवक्ता संघ समस्तीपुर ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन और ज्ञापन देने की बात बताई जा रही है। इस स्थिति में पुलिस के समक्ष चुनौती ये है की किस प्रकार केस की निष्पक्ष विवेचना कर दोषी मुजरिमों के खिलाफ कार्रवाई करेगी तथा निर्दोष फसाये गए लोगों को केस से मुक्त करेगी।
अधिवक्ता रत्नाकर झा और बार कॉउन्सिल की अध्यक्ष श्रीमती किरण सिंह के साथ साथ करीब 200 वकीलों ने लिखित ज्ञापन पुलिस अधीक्षक श्री मानव जीत सिंह ढिल्लों को सौपा है एवं पुलिस अधीक्षक से यह आग्रह किया है की अधिवक्ता रत्नाकर झा एवं उनके परिवार के सभी सदस्य निर्दोष है और पुरानी रंजिश के तहत उनको फसाया जा रहा है।