पटाखों पर प्रतिबन्ध लगाने के बावजूद जलाए गए पटाखे, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता हुई और खराब।

दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह से बैन किए जाने के बावजूद पटाखे जलाए गए। जिसके कारण दिल्ली में वायु गुणवत्ता 2.5 पीएम औसत स्तर 500 तक चला गया है। प्रदूषण के कारण रविवार को पूरी दिल्ली-एनसीआर में धुंध छाया रहा। 

दिल्ली में वायु प्रदूषण का कहर पहले से ही हम सभी देख रहे थे, कल दीपावली के दिन दिल्ली वासियों ने जम कर पटाखे जलाए। हालांकि प्रदूषण मात्रा को ध्यान में रखते हुए पूरे दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था, इसके बावजूद दिल्ली में पटाखे जलाए। इसके कारण वायु गुणवत्ता पहले से ज़्यादा खराब हो गई है। दिल्ली के कई इलाकों में रविवार को धुंध देखने को मिली और विजिबिलिटी भी सिर्फ 200-300 मीटर तक ही देखने को मिली।

प्रदूषण स्तर बढ़ने में आधा योगदान पटाखे जलाने के कारण हुआ। दूसरी तरफ पराली जलाने के कारण इसके स्तर में वृद्धि हुई। अन्य राज्यों में जलाई गई पराली ने लगभग 35 फीसदी प्रदूषण बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाई है। वायु गुणवत्ता इसीलिए भी ज़्यादा खराब रही है, क्योंकि हवा की गति कम थी। हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषण कण हवा में मौजूद हो जाते हैं। 
शनिवार की रात दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर अलग-अलग देखने को मिला। आंनद विहार इलाके की बात करें तो वायु की गुणवत्ता 2.5 पीएम के स्तर से 480 के पार था। वहीं अशोक विहार इलाके की बात करें तो यहां का प्रदूषण स्तर  490 के पार पहुंच चुका है। दिल्ली के कई पोश इलाके की बाते करें तो आईजीआई हवाई अड्डे का प्रदूषण स्तर 445, लोधी रोड इलाके में यह स्तर 410 के पार था। 

वायु की गुणवत्ता 60 से ऊपर होने पर इसे खराब माना जाता है। जबकि दिल्ली-एनसीआर में यह 460 के पार पहुंच चुकी है। इससे आप सभी अंदाज़ा लगा सकते हैं कि वायु प्रदूषण की समस्या कितनी गंभीर बनी हुई है। ऐसे में भी दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबन्ध लगाए जाने के बावजूद पटाखे जलाना पड़ सकता है मंहगा। 

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