कोरोना वायरस को फैलने से रोकने तथा स्थिति पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने 25 मार्च 2020 को देश व्यापी लॉकडाउन लगाने कि घोषणा की थी। स्थिति को देखते हुए लोगो को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की अनुमति नहीं थी तथा लाखो की तादाद में मजदूर, छात्र, पर्यटक तथा तीर्थ यात्री अपने घरो से काफी दूर दूसरे राज्यों में फस गए थे। जैसे जैसे लॉकडाउन का समय बीत रहा था वैसे वैसे मजदूरों और छात्रों की तरफ से उन्हें घर पहुंचे की मांग उठ रही थी।
मजदूरों तथा छात्रों की मांग मानते हुए केंद्र सरकार ने 29 अप्रैल 2020 को गाइडलाइन्स जारी करते हुए मजदूरों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाने की अनुमति दे दी थी। जिसके लिए राज्यों को आपस में बात करके इस कार्य को पूर्ण करने को कहा था। गाइडलाइन्स के अनुसार छात्रों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक बसों द्वारा सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करते पहुंचाने को कहा। बहुत सी राज्य सरकारों ने इस फैसले का स्वागत किया तथा केंद्र सरकार से अनुग्रह किया कि केंद्र सरकार मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों तथा तीर्थ यात्रिओ को अपने गंतव्य तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाये।
राज्यों की मांग को मानते हुए आज 1 मई 2020 को केंद्र सरकार ने स्पेशल ट्रेनें चलने की अनुमति दे दी। गृह मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, तीर्थ यात्रिओं तथा पर्यटकों को केंद्र की गाइडलाइन्स का तथा सभी सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए उनके गंतव्य स्थल भेजा जायेगा। गृह मंत्रालय ने यह भी बताया कि रेल मंत्रालय स्पेशल ट्रेनें चलाएगी तथा रेलवे और राज्यो/केंद्रशासित प्रदेशो में समन्वय की कमी न हो इसलिए रेल मंत्रालय एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त करेगा।