अमूमन सर्दियों के मौसम में हमारी बॉडी में पानी की कमी हो जाती है। प्यास न लगने के कारण हम पानी नहीं पीते। ऐसे में हम यह भूल जाते हैं कि हमारे शरीर को पानी की जरूरत है। क्या आपको यह मालूम है कि पानी नहीं पीने से हमारी बॉडी डीइहाइड्रेट होती चली जाती है। डीहाइड्रेशन के कारण हमारे शरीर में काफी गंभीर समस्या पैदा हो जाती हैं।
डीहाइड्रेशन के कारण हमारे शरीर में कई तरह की गंभीर बीमारियां घर बना लेती हैं। डीहाइड्रेशन की वजह से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट कि मात्रा में भी कमी आती हैं, हमारे दिमाग़ पर भी असर होता है। इलेक्ट्रोलाइट जरूरी मिनरल्स और पोटैसियम का संग्रह है, यह हमारे दिमाग से कोशिकाओं को सिग्नल भेजने का काम करता है। इलेक्ट्रोलाइट की कमी होने से, दिमाग सिग्नल भेजना कम कर देता है। सिग्नल न मिलने के कारण मांशपेशियों में खिंचाव होना अथवा दर्द होना लाजमी है। इसके अलावा दौरा पड़ने जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है।
शरीर में पानी की कमी होने के साथ ही दिमाग आपको प्यास लगने का सिग्नल भेजता है। हालांकि सर्दियों में ठंड के कारण हमें प्यास कम लगती है। इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं होता कि हमें प्यास नहीं लगी या हमारे शरीर को पानी की जरूरत नहीं है। डीहाइड्रेशन का असर आपके मूड पर भी पड़ता है। इसके कारण आपकी वर्क परफॉर्मेंस भी खराब होने की समस्या हो जाती है। जैसा कि हमने आपको बताया की डीहाइड्रेशन के कारण दिमाग द्वारा सिग्नल मिलने की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। ज़्यादा समय तक एसी स्तिथि बने रहने के कारण आपकी याददाश्त भी कमज़ोर हो सकती है।
आपको बता दें, पानी की कमी के कारण कोशिकाओं द्वारा हाइपोथैलेमस को संकेत भेजा जाता है। जिसके बाद वैसोप्रेसिन नामक हार्मोन्स निकलती है। वैसोप्रेसिन हार्मोन्स को एंटीडायरेक्टिक हार्मोन्स भी कहा जाता है। इसका मुख्य काम होता है, हमारी किडनी को कम पानी निकालने का संकेत देना। इसके कारण हमारी किडनी खून मे मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर नहीं निकाल पाती है। किडनी को खून का फिल्टर माना जाता है। लेकिन शरीर में पानी के कमी के कारण किडनी का काम ज़्यादा बढ़ जाता है। जी हां, बिना पानी के किडनी को लगातार मेहनत करनी पड़ती है। जिसके कारण किडनी खराब हो जाने की संभावनाएं बढ़ जाती है। विशेषज्ञ डॉ बुश का कहना है कि, हमारी किडनी एक दिन में लगभग 55 गैलन तक तरल पदार्थों को ले जाने में सक्षम होती है।
कम पानी पीने के कारण पथरी की समस्या होने की अधिक संभावना होती है। जिन लोगों को पसीना ज़्यादा आता है अथवा जो लोग गर्म और शुष्क इलाके में रहते हैं और पानी कम पीते हैं उनमें पथरी की समस्या ज़्यादा हो सकती है। पानी कम पीने के कारण खून में पानी की मात्रा कम हो जाती है, जिसके कारण हाइपरटेंशन और ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है। शरीर में ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में पीना बहुत जरूरी है। इसके अलावा कम पानी पीने के कारण खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। खून मे ऑक्सीजन के कमी के कारण ब्लड सर्कुलेशन पूरी बॉडी में सही तरीके से नहीं हो पाता है। सिर दर्द, चक्कर, आंखों पर दबाव, आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।