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ग्रेटर नोएडा में भी अब एक सीपी जैसा बाजार, जल्द ही दिखने वाला है।

ग्रेटर नोएडा के प्राधिकरण ने दिल्ली के कनॉट प्लेस जैसा ही एक कमर्शियल मार्केट कॉम्प्लेक्स  सेक्टर ची–फी के पास बनाने की तैयारी शूरू कर दी है। हालांकि अभी तक इस मार्केट को क्या नाम दिया जायेगा यह सुनिश्चित नहीं हो पाया है। लेकिन मार्केट कॉम्प्लेक्स बनाने की तयारी पर जोर दे दिया है। यह मार्केट तकरीबन 4–5 एकड़ के इलाके में तैयार किया जाएगा और इसमें 3–4 मंजिले भी होंगी। मार्केट कॉम्प्लेक्स के लिए कई डिजाइनों में से एक निजी सलाहकार के डिजाइन को स्वीकृति दी गई थी।

वैसे तो इस क्षेत्र में कई आवासीय और वाणिज्यिक इकाइयां हैं, यह यमुना एक्सप्रेसवे से भी मुश्किल से एक किलोमीटर दूर है और जेवर हवाई अड्डे के संचालन के शुरू होने के साथ ही गति प्राप्त करने की उम्मीद जताई जा सकती है।

अधिकारियों ने कहा कि अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद औपचारिक रूप से इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने टीओआई को बताया, “इसके विकास योजना के हिस्से के रूप में ग्रेटर नोएडा में एक बड़ा वाणिज्यिक केंद्र बनाने की योजना थी। इसके तहत, हम दिल्ली के कनॉट प्लेस की शैली पर सेक्टर ची-फी के पास एक सर्कुलर कमर्शियल हब बनाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें चार तरफ बड़ी चौड़ी सड़कें और एक बड़े गोल चक्कर के लिए एक खुली जगह है।”

नरेन्द्र भूषण की बताई जानकारी के अनुसार, कमर्शियल हब बनाए जाने के लिए कई डिजाइनों को आमंत्रित किया गया था लेकीन आखिर में मंजूरी एक निजी सलाहकार को दी गई थी। उन्होंने कहा की, हमने कुछ चुने गए आर्किटेक्ट्स के बीच एक प्रतियोगिता का अयोजन किया गया था और un डिजाइनों में से एक का चयन किया गया था। जेवर हवाई अड्डे की घोषणा के बाद से क्षेत्र में इसकी मांग बढ़ गई जिसके बाद ही वाणिज्यिक सर्कल बनाने की योजना शुरू की गई थी।

अधिकारियों ने कहा कि कमर्शियल सर्कल को चौकड़ी में विकसित किया जा सकता है, जहां एक से अधिक फर्मों को काम पर रखा जाएगा। “जहां वाणिज्यिक सर्कल बनना है उस क्षेत्र के चारों तरफ चौड़ी सड़कें हैं। तो हमें यह तय करना होगा कि हमें एक सभी को साथ में लेकर जाना चाहिए या इसे एक-एक करके              लेना हिस्सो में लेकर चलना चाहिए और इसे चौकड़ी की तरह चार भागों में विकसित करना चाहिए। आगे के परिणाम को देख कर इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 

जबकि प्राधिकरण यूपी विधानसभा चुनाव से पहले लागत और निविदा विवरण पर काम करेगा, अधिकारियों की योजना 1 अप्रैल, 2022 तक पहली निविदा जारी करने की है, और “चुनाव परिणामों के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा”।

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