कृषि कानून को वापस लेने के लिए पिछले कई हफ्तों से जारी आन्दोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। किसान तीनों कृषि नियमों को वापस लेने की मांग कर धरने पर बैठे हैं। लेकिन अब तक सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं लिया गया है।
दिल्ली की कड़ाके की सर्दी में भी किसान खुले आसमन के नीचे बैठे हैं। केंद्र सरकार से कृषि नियमों का विरोध कर रहे हैं। इसी बीच दिल्ली बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारियों में से एक किसान ने आत्महत्या कर ली। गाजियाबाद के यूपी गेट पर बैठे 75 वर्ष के किसान कश्मीर सिंह ने शौचालय में आत्महत्या कर ली।
सरदार कश्मीर सिंह ने शनिवार को शौचालय में आत्महत्या कर ली। साथ ही एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। सुसाइड नोट में लिखा है, मेरी आखिरी इच्छा है कि मेरा अंतिम संस्कार मेरे बेटे और पोते द्वारा दिल्ली बॉर्डर पर ही किया जाए। मेरा बेटा ओर पोता यहीं कृषि आन्दोलन के सहयोग में मौजूद हैं। इसके अलावा कश्मीर सिंह ने लिखा कि, हम इतनी सर्दी में केंद्र सरकार के समक्ष अपनी मांगों को लेकर बैठे हैं, लेकिन सरकार हमारी मांगों को नहीं सुन रही है। इसीलिए मै आत्महत्या कर रहा हुए, शायद सरकार किसी नतीजे पर पहुंच सके। साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि मेरे आत्महत्या करने का कारण सरकार है।
किसान यूनियन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि कश्मीर सिंह ने शौचालय में आत्महत्या कर लि है। यह बेहद ही दुख की बात है। किसान यूनियन ने आगे बताते हुए कहा कि उनके सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि, मेरा अंतिम संस्कार दिल्ली बॉर्डर पर ही मेरे बेटे और पोते के हाथों हो। हालांकि अभी पुलिस ने सुसाइड नोट अपने कब्जे में कर लिया है। पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है। आपको बता दें किसान आन्दोलन के दौरान अब तक कई किसानों की मृत्यु हो चुकी है।